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Thursday 14 March 2013 09:05:59 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष एवं अल्पसंख्यक कल्याण व हज मंत्री मोहम्मद आजम खां ने विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को एक और पत्र लिखकर प्रदेश से इस वर्ष हज पर जाने वाले लोगों को पासपोर्ट व अन्य व्यवस्थाओं के चलते हो रही दुश्वारियों की ओर उनका ध्यानाकर्षण किया है और उनसे अनुरोध किया है कि ऐसे आवेदक जिनके पासपोर्ट 28 फरवरी, 2014 तक मान्य हैं, उन्हें भी हज-2013 के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाए, यह भी कि पासपोर्ट कार्यालयों में हज आवेदकों के लिए अलग से काउंटर स्थापित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाए, हज आवेदकों के पासपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर समन्वय करने और उनका शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए और उन्हें यह निर्देश दिया जाए कि जिन मामलों में समस्त औपचारिकताएं पूर्ण हो गईं हों, उनके पासपोर्ट तत्काल जारी करें।
हज मंत्री मोहम्मद आजम खां ने सलमान खुर्शीद से अपने पत्र में अनुरोध किया है कि हज आवेदकों को इस बात की इजाजत दी जाए कि वे अपने पासपोर्ट के केवल प्रथम व अंतिम पृष्ठ की छायाप्रति तथा सभी संलग्नकों का एक सेट अपने आवेदन पत्र के साथ नत्थी करें। पत्र में उन्होंने लिखा है कि इस संबंध में मौजूदा व्यवस्था बहुत ही दुरुह है, जिससे हज आवेदकों विशेषकर उत्तर प्रदेश के कम पढ़े-लिखे हज आवेदकों के लिए बहुत दिक्कतें आती हैं। बैंक आईएफएस कोड व अन्य संबंधित विवरण दिए जाने की बाध्यता को ऐच्छिक किया जाए, ताकि आवेदकों विशेषकर कम पढ़े-लिखे आवेदकों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति जो हज कमेटी ऑफ इंडिया के माध्यम से पूर्व में हज कर चुका है तो उसे भी ‘महरम’ या साथी के रूप में अपने परिवार के उस सदस्य के साथ जाने की अनुमति दी जाए जो पहली बार हज के लिए आवेदन कर रहा हो। ऐसे लोगों से हज कमेटी ऑफ इंडिया, भारत सरकार हवाई जहाज़ को पूरा किराया ले सकती है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि यदि कोई 70 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति के परिवार में उसके साथी के रूप में हज पर जाने के लिए कोई नहीं है या जाने को तैयार नहीं है और उसने अकेले ही हज पर जाने के लिए आवेदन किया है तो उसे भी आरक्षित श्रेणी-बी के तहत हज पर जाने की अनुमति दी जाए।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने अपने पत्र में सलमान खुर्शीद से आग्रह किया है कि राज्य हज कमेटी के कार्यालय में हज-2013 के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च 2013 से बढ़ाकर 5 अप्रैल 2013 कर दी जाए, ताकि जिन लोगों को आवश्यक अभिलेख आदि मिलने में विलंब हो रहा हो, वे भी हज के लिए आवेदन कर सकें। अपने पत्र में आजम खां ने हज आवेदन के लिए 31 मार्च 2014 तक मान्य तथा 20 मार्च 2013 तक ही बनाए गए अंतर्राष्ट्रीय पासपोर्ट की बाध्यता, बैंक आईएफएस कोड या इस संबंध में बैंक से दिए जाने वाले प्रमाण पत्र, आवेदन पत्र के साथ जरूरी दस्तावेजों की दो प्रतियां व पासपोर्ट की छायाप्रति को संलग्न करने की अनिवार्यता, आदि की वजह से प्रदेश के हज आवेदकों को होने वाली दिक्कतों की ओर विदेश मंत्री का ध्यानाकर्षण किया है।
आजम खां अपने पत्र में लिखा है कि इन दिक्कतों की वजह से उत्तर प्रदेश हज समिति के कार्यालय में अभी तक सिर्फ 15753 आवेदन पत्र जमा हुए हैं, प्रतिदिन समिति के कार्यालय में औसतन 1000 आवेदन जमा होने के आधार पर अंतिम तिथि तक मात्र 22000-23000 आवेदन पत्र जमा हो सकेंगे, जो कि उत्तर प्रदेश से गत वर्ष हज पर गए 32525 यात्रियों की संख्या से बहुत कम होगी। इस कमी के लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया व विदेश मंत्रालय की कठोर बाध्यताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने लिखा है कि यदि यही हाल रहा तो इस बार उत्तर प्रदेश को अपने कोटे के 30 प्रतिशत से वंचित रहना पड़ सकता है, इस 30 प्रतिशत का लाभ दक्षिणी राज्यों को मिलेगा, जो उत्तर प्रदेश के हज यात्रियों के साथ एक बहुत बड़ी ज्यादती होगी।
अपने पत्र में हज कमेटी ऑफ इंडिया, जिसका कार्यकाल 7 जनवरी 2013 को समाप्त हो गया है, उसका पुनर्गठन अब तक न किए जाने पर उन्होंने कड़ा ऐतराज जताते हुए लिखा है कि हज यात्रियों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय केवल इस वजह से नहीं लिए जा सके हैं, क्योंकि अभी तक कमेटी का गठन नहीं किया गया है। अधिकारियों को अपनी मन-मर्जी से कार्य करने की पूरी आजादी मिल गई है, उन्हें हज यात्रियों के हित-अहित से कोई सरोकार होना प्रतीत नहीं होता हैं। इस तरह के हालात हज यात्रियों विशेषकर उत्तर प्रदेश के ग़रीब व कम पढ़े-लिखे हज यात्रियों के हित में नहीं है और इसका सर्वाधिक खामियाजा उन्हीं को उठाना पड़ रहा है। हज मंत्री मोहम्मद आजम खां ने विदेश मंत्री से अनुरोध किया है कि वे इन मसलों पर शीघ्र ही निर्णय लें, ताकि उत्तर प्रदेश के हज यात्रियों का हित सुनिश्चित हो सके।