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Friday 14 December 2018 01:01:46 PM
जेद्दाह/ नई दिल्ली। भारत सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी और सऊदी अरब के हज एवं उमरा मंत्री डॉ मोहम्मद सलेह बिन ताहिर बेंटन ने जेद्दाह में भारत और सऊदी अरब के बीच 2019 के हज के लिए वार्षिक हज समझौते पर हस्ताक्षर किए। मुख्तार अब्बास नक़वी ने इस अवसर पर कहा कि सऊदी अरब सरकार ने हमेशा भारतीय हज यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में सक्रिय और प्रभावी भूमिका अदा की है और यह समझौता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में भारत-सऊदी अरब के बीच संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुके हैं, दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, आर्थिक और राजनैतिक संबंध हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने हज 2018 को सफल बनाने में दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज को उनके मार्गदर्शन और सक्रिय सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार सऊदी अरब सरकार, भारतीय वाणिज्य दूतावास और सऊदी अरब की विभिन्न सम्बद्ध एजेंसियों के साथ समन्वय और सहयोग कायम करके हज 2019 के दौरान हज यात्रियों की सुरक्षा और उन्हें चिकित्सा की बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि 2019 में मेहरम यानी पुरुष साथी के बिना बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं के हज जाने की उम्मीद है, करीब 2100 से अधिक महिलाओं ने मेहरम के बिना हज 2019 के लिए आवेदन करवाया है। उन्होंने कहा कि पहलीबार केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले वर्ष मेहरम के बिना महिलाओं के हज जाने पर लगा प्रतिबंध हटाया है, जिसके परिणामस्वरूप 2018 में पुरुष साथी के बिना 1300 भारतीय मुस्लिम महिलाएं हज करने गईं, उन्हें लॉटरी प्रणाली से मुक्त रखा गया। उन्होंने कहा कि पहलीबार 100 से अधिक महिला हज समन्वयकों और हज सहायकों को भारतीय महिला हज यात्रियों की सहायता के लिए तैनात किया गया है।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि भारत की हज समिति को हज 2019 के लिए अबतक 2 लाख 47 हजार से अधिक आवेदन मिल चुके हैं, इनमें 47 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहलीबार भारत से 1,75,025 रिकॉर्ड संख्या में मुसलमानों ने 2018 में बिना सब्सिडी के हज यात्रा की, जिनमें 48 प्रतिशत महिलाएं थीं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से उन्होंने सऊदी अरब सरकार से अनुरोध किया है कि वह हज 2019 के लिए भारत का वार्षिक हज कोटा बढ़ाए। उन्होंने कहा कि हज प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन या डिजिटल बनाने से समूची हज प्रक्रिया को पारदर्शी और हज यात्रियों के अनुकूल बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि हज 2019 के लिए मिलने वाले ऑनलाइन आवेदनों की संख्या 1 लाख 36 हजार है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने सऊदी अरब हज वाणिज्य दूतावास, भारत की हज समिति और अन्य सम्बद्ध एजेंसियों के सहयोग से हज 2018 के लिए निर्धारित समय से दो महीना पूर्व संपूर्ण तैयारियां पूरी कर ली थीं और इस बार हज 2019 के लिए यह कार्य तीन महीने पहले शुरु किया जा चुका है, ताकि हज यात्रा को अधिक आरामदायक बनाया जा सके।