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Friday 14 December 2018 01:37:05 PM
यांगून/ नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने म्यांमार की राजकीय यात्रा पर यांगून में 5वीं इंटरप्राइज इंडिया एक्जीबिशन का उद्घाटन किया और कहा है कि म्यांमार और भारत अच्छे पड़ोसी हैं, लेकिन दोनों के बीच व्यापार और निवेश से संबंधित साझेदारी बहुत कम है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हालांकि व्यापार को बढ़ाने, साझा उद्यम लगाने और एक-दूसरे की प्रगति एवं विकास में निवेश करने की अपार संभावनाएं हमारे समक्ष मौजूद हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इंटरप्राइज इंडिया प्रदर्शनी म्यांमार में कारोबारी साझेदारों, स्टार्टअप्स, इंक्यूबेटर्स और ग्राहकों के लिए उत्कृष्ट भारतीय उत्पाद, सेवाएं, नवाचार और जानकारियां लेकर आई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रदर्शनी के आयोजन के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ और यूनियन ऑफ म्यांमार फेडरेशन ऑफ चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की प्रगति की गाथा में म्यांमार के लिए फिनटेक से बायोटेक तक-अवसंरचना, अत्याधुनिक उत्पादों और सेवाओं तथा डिजिटली ड्रिवन विकल्पों के संदर्भ में प्रस्तुत करने के लिए बहुत कुछ मौजूद है। उन्होंने कहा कि म्यांमार मानव संसाधनों और प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध है, यदि विशेषकर ऊर्जा, दूरसंचार, बैंकिंग, बीमा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सही विनियामक वातावरण प्रदान किया जाए तो यहां निवेश का हर कारण मौजूद है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस दिशा में म्यांमार में निवेश और विदेश आर्थिक संबंध मंत्रालय का सृजन स्वागत योग्य कदम है। राष्ट्रपति ने यांगून में ऐतिहासिक श्रीकाली मंदिर में पूजा अर्चना भी की, यह मंदिर डेढ़ सौ साल पुराना है और म्यांमार में समूचे भारतवंशी समुदाय की एकता का प्रतीक है। इसके पश्चात राष्ट्रपति बहादुर शाह जफर के मकबरे पर गए और उनकी मजार पर मोमबत्ती जलाई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बहादुर शाह जफर के मकबरे पर जाने वाले भारत के दूसरे राष्ट्रपति हैं, उनसे पहले 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम बहादुर शाह जफर के मकबरे पर गए थे। राष्ट्रपति ने यांगून में धम्मा जोति विपाशना मेडिटेशन सेंटर के दौरे के साथ म्यांमार की अपनी राजकीय यात्रा का समापन किया।