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Thursday 14 March 2013 09:16:50 AM
लखनऊ। राजस्व विभाग के बजट 2013-14 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 का प्रकाशन उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-8 सन् 2012 के रूप में कर दिया गया है। राजस्व संहिता 2006 के लागू होने से राजस्व विधि नियमों का सरलीकरण होगा, जिससे जन मानस को इस कानून को समझने में आसानी होगी, संहिता लागू होते ही पूर्व से प्रचालित 39 अधिनियम अप्रासंगिक हो जाएंगे, जिनको निरस्त किया जाना प्रस्तावित है।
राजस्व संहिता लागू होने से प्रत्येक स्तर पर अनावश्यक वाद बाहुल्य में कमी आएगी, राजस्व न्यायालयों के सुदृढ़ीकरण व कंप्यूटरीकरण एवं आधुनिकीकरण की योजना प्रारंभ की गई है। सभी राजस्व न्यायालयों का कंप्यूटरीकरण शुरू हो गया है। मंडलीय न्यायालयों के 39679 एवं विभिन्न जनपदीय न्यायालयों के 151005 वादों की प्रविष्टि इस व्यवस्था पर कर ली गई है। इस व्यवस्था से जहां अब किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय कहीं भी अपने वाद की आगामी तिथि, विगत तिथि पर की गई कार्यवाही एवं पारित आदेश इंटरनेट पर पूरी तरह पारदर्शिता से प्राप्त हो सकेंगे। प्रथम चरण में यह व्यवस्था प्रदेश के 18 मंडलों के मंडलीय न्यायालयों और 25 जनपदों में शुरू की गई है।
प्रदेश के समस्त जनपदों की 313 तहसीलों के चकबंदी प्रक्रिया से बाहर के 99,949 ग्रामों (ग्रामीण क्षेत्रों के जहां पर ज़मीदारी का विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनिमय लागू है) की खतौनियों के कंप्यूटीकरण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो गया है। आम जनता की सुविधा के लिए कंप्यूटरीकृत खतौनी का डाटा इंटरनेट पर उपलब्ध कराया गया है। राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश स्तर पर राजस्व परिषद में स्टेट डेटा सेंटर की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश की समस्त तहसीलों के कंप्यूटरीकृत डाटा को सुरक्षित, संकलित किया जा सकेगा, जिससे कि केंद्रीयकृत, संकलित डाटा के आधार पर भूमि सुधार संबंधी नीतियों के निर्माण एवं क्रियांवयन में सुगमता तो होगी ही, साथ ही योजनाओं का त्वरित अनुश्रवण भी किया जा सकेगा।
जनपदों में स्थापित राजस्व अभिलेखागार के महत्वपूर्ण एवं स्थाई प्रकृति के अभिलेखों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेश के 18 जनपदों के अभिलेखागार के अभिलेखों को स्केन कराए जाने का कार्य गतिमान है। नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के अंतर्गत जन सामान्य को स्थानीय स्तर पर विभिन्न सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु राज्य में स्टेट पोर्टल, एसएसडीजी एवं ई-फार्म्स योजना लागू की गई है।
कार्यक्रम के अंतर्गत 28 फरवरी 2013 तक कुल 20, 88, 765 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिसके सापेक्ष 20,51,580 का निस्तारण किया जा चुका है। वर्ष 2012-13 में 6000 हेक्टेयर लक्ष्य के सापेक्ष 6122.45 हेक्टेयर कृषि भूमि आवंटित हुई। वर्ष 2012-13 में 35000 परिवारों को ग्रामीण आवास स्थल आवंटन के लक्ष्य के विपरीत 36642 परिवारों को आवास स्थल आवंटित हुए। मत्स्य पालन के लिए 1800 हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 3393.99 हेक्टेयर का आवंटन हुआ।
कुम्हारी कला एवं मूर्तिकला प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 1400 क्षेत्रों के लक्ष्य के सापेक्ष 2125 क्षेत्रों में आवंटन किया गया। वृक्षारोपण के लिए पट्टे देने के कार्यक्रम के अंतर्गत 850 हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 996 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है।कृषक दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत बीमा आवरण की धनराशि एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए की गई है। योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14 में कुल 310.95 करोड़ रुपए का प्रावधान है। आम आदमी बीमा योजना के अंतर्गत 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।