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Saturday 15 December 2018 05:01:39 PM
नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने एक अभिनव कारोबारी निर्णय के तहत रेल द्वारा बंदरगाहों तक कंटेनरों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए खाली कंटेनरों और खाली खुले वेगनों की आवाजाही पर प्रति 20 फुट समतुल्य इकाई की प्रचलित ढुलाई दरों पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान करने का फैसला किया है। इस प्रकार रेल के माध्यम से बंदरगाहों तक अधिक लदान हो सकेगी। इससे बंदरगाहों तक यातायात की कुशल व्यवस्था में वृद्धि होने तथा कंटेनर यातायात के बड़े हिस्से के रेल की ओर आकृष्ट होने की संभावना है।
रेल मंत्रालय ने यह कदम कंटेनर ट्रेन ऑपरेटर्स की मांग पूरी करने के लिए उठाया है और इससे कंटेनर कारोबार को निर्यात, आयात तथा घरेलू स्तर पर बढ़ावा मिलने की संभावना है। इस कदम से रेल कंटेनर खंड को वांछित प्रोत्साहन मिलने की संभावना है तथा यह भारतीय रेल के लिए लाभदायक हो सकता है। ढुलाई दर में 25 प्रतिशत कटौती से रेलवे को घटी हुई दरों पर अधिक ट्रेफिक मिलने की संभावना है। इससे ज्यादा जिंसों का रियायती दर पर लदान करने में मदद मिलेगी, जिससे बाजार में कम दाम पर उपलब्ध होंगी और इससे आम लोगों को लाभ पहुंचेगा, साथ ही रेकों की आवाजाही सुगम होने से माल पहुंचने में देरी कम होगी और उत्पाद समय पर गंतव्य पर पहुंचाए जा सकेंगे।
रेलवे में इस समय 18 निजी कंटेनर ट्रेन ऑपरेटर और सीओएनसीओआर इस कंटेनर सेवा का संचालन कर रहे हैं। फ्रेट बास्केट का विस्तार भारतीय रेल का प्राथमिक एजेंडा रहा है। भारतीय रेल ने अपनी फ्रेट बास्केट में विविधता लाने और उसका विस्तार करने की जरूरत महसूस की है। इसका उद्देश्य नई जिंसों की आवाजाही को अपनी ओर आकृष्ट करना है, जो पहले सड़क या परिवहन के अन्य साधनों के जरिए होती रही है। गौरतलब है कि रेलवे से ढुलाई भारतीय रेलवे का बड़ा व्यापार हब है। इससे सड़क यातायात का दबाव भी कम होगा और यातायात में माल का नुकसान भी कम हो सकेगा। रेल विभाग अपनी पटरियों को बदलने और स्पीड बढ़ाने में लगा है, जिसके बाद न केवल रेलवे यात्रा, अपितु रेल ढुलाई में काफी प्रगति होगी।