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Tuesday 18 December 2018 05:42:04 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत ने हमेशा अल्पसंख्यकों के प्रति उचित और भेदभाव रहित दृष्टि सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि भारत की अकाट्य आस्था समावेशन और भेदभाव के बिना समाज में रही है। उपराष्ट्रपति ये बातें आज दिल्ली में उनसे मिलने आए स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट ऑफ बिजनेस के विद्यार्थियों से कहीं। उपराष्ट्रपति ने कुछ वर्गों के झूंठे दावों को नकारते हुए कहा कि भारत हमेशा अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध रहा है और हमेशा रहेगा। उन्होंनेडॉ जाकिर हुसैन, फखरूद्दीन अली अहमद और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जैसी अल्पसंख्यक समुदाय से आई हुई हस्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उच्च संवैधानिक प्रशासनिक, न्यायिक और सैन्य पदों पर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के विकास में अल्पसंख्यक समुदाय बराबर के साझेदार रहे हैं और हम उनके उल्लेखनीय योगदान को महत्वपूर्ण मानते हैं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विद्यार्थियों से कहा कि भारत अपने विकास की शानदार कहानी लिख रहा है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार के विभिन्न सुधारों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और विश्व भारत को पसंदीदा निवेश स्थान के रूपमें देख रहा है। वेंकैया नायडू ने विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि वे हमेशा अपनी कंपनी के मुनाफे का एक भाग जरूरतमंद लोगों के लिए रखें, पर्यावरण कदमों को ध्यान में रखें और नवाचार पर निरंतर फोकस करें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उनके व्यवसाय की छवि मानवीय होनी चाहिए अर्थात् देश और समाज के लिए कल्याणकारी।