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Thursday 27 December 2018 04:53:48 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने भारतरत्न और देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती पर आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अटलजी ने चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में देश को सुशासन प्रदान किया। उपराष्ट्रपति ने परमाणु परीक्षण के बाद देश पर लगे प्रतिबंधों, 90 के दशक के अंत में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में आर्थिक मंदी और सीमापार आतंकवाद के तत्कालीन परिप्रेक्ष्य में अटलजी के सुधार कार्यक्रमों और परियोजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने सुशासन के संदर्भ में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कीमत ग़रीब को चुकानी पड़ती है, क्योंकि अधिकांश भ्रष्टाचार ग़रीबों के नाम पर ही किया जाता है। इस संदर्भ में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी के उस वक्तव्य का उदाहरण दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि रुपये का मात्र 15 पैसा ही ग़रीब तक पहुंचता है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि सरकारी सहायता राशि के डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर से भ्रष्टाचार पर बहुत हद तक नियंत्रण किया जा सका है। उन्होंने कहा कि जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना, विकास को सर्वस्पर्शी और समन्वयवादी बनाना ही सुशासन की कसौटी है। विमुद्रीकरण को कालेधन के विरूद्ध एक निर्भीक कदम बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए आवश्यक है कि उसको समर्थन करने वाला कालेधन का अर्थतंत्र समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण और कसी हुई मौद्रिक नीति के बावजूद 7.5 प्रतिशत की विकासदर और 3.3 प्रतिशत तक सीमित वित्तीय घाटा देश के वित्तीय प्रबंधन का सराहनीय उदाहरण है। उपराष्ट्रपति ने सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास तथा सामाजिक सशक्तिकरण के लिए लागू परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अटलजी ने जिस संपर्क क्रांति की शुरूआत की थी, सरकार ने उसी श्रृंखला में भारत माला, सागरमाला और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी परियोजनाओं को लागू किया है। गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन सुशासन दिवस के रूपमें मनाया जाता है।