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Monday 31 December 2018 02:15:55 PM
पोर्ट ब्लेयर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर का दौरा किया, वहां उन्होंने शहीद स्तंभ पर माल्यार्पण किया, सेल्यूलर जेल गए, वहां वीर सावरकर एवं अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की कोठरियों को देखा। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भारतीय भूमि पर तिरंगा फहराने के 75 वर्ष पूरे होने पर उच्च मस्तूल ध्वज फहराया तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में स्मारक डाक टिकट, सिक्का एवं फर्स्ट डे कवर जारी किया और ऊर्जा, कनेक्टिविटी एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों से संबंधित विकास परियोजनाओं की श्रृंखला का भी अनावरण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर द्वीप समूहों के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह केवल भारत की प्राकृतिक सुंदरता के प्रतीकभर नहीं है, बल्कि भारतीयों के लिए वे तीर्थ स्थल जैसे स्थान हैं, यहां संस्कृति, परम्परा, कला और कौशल भी बेहतरीन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सामूहिक संकल्प का स्मरण कराते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वीप समूहों को सशक्त बनाने और उन्हें विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यहां जिन विकास परियोजनाओं का अनावरण किया गया है, वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पर्यटन एवं रोज़गार के क्षेत्रों में इस ध्येय को और भी आगे बढ़ाएंगी। प्रधानमंत्री ने सेल्यूलर जेल का उल्लेख करते हुए कहा कि सेल्यूलर जेल, जहां हजारों स्वतंत्रता सेनानियों का उत्पीड़न हुआ, उनके लिए किसी पूजा स्थल से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र कभी भी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को नहीं भूलेगा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के आह्वान पर अंडमान के कई युवाओं ने खुद को भारत की स्वतंत्रता पर समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा कि 150 फीट ऊंचे मस्तूल पर राष्ट्रीय ध्वज 1943 में आज के दिन की याद को संरक्षित रखने का एक प्रयास है। नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि रॉस द्वीप समूह का नाम अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा जाएगा, नील द्वीप समूह को शहीद द्वीप के नाम से पुकारा जाएगा एवं हैवलॉक द्वीप का नया नाम अब स्वराज द्वीप होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत के लोग नेताजी के विजन के अनुरूप एक मजबूत भारत के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने नायकों का स्मरण करना और उनका सम्मान करना एकीकरण की हमारी भावना को मजबूत करने में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय इतिहास के प्रत्येक गौरवशाली अध्याय को रेखांकित करने का प्रयास कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने बाबासाहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल एवं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से संबंधित पंचतीर्थ का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कारों की भी घोषणा की गई है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार पर्यावरण की आवश्यकताओं के अनुरूप द्वीप समूहों का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के एक हिस्से के रूपमें पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों को जहां तक संभव है, आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने पोर्ट ब्लेयर डॉकयार्ड के विस्तार की बात की, जो बड़े जहाजों के रख-रखाव में सक्षम होगा। उन्होंने दो सप्ताह के भीतर द्वीप समूहों में ग्रामीण सड़कों की स्थिति पर एक रिपोर्ट मांगी और कहा कि जैसे ही रिपोर्ट की जांच हो जाएगी, केंद्र सरकार हर संभव सहायता देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लोगों के जीवन की सरलता बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि समुद्र के समीप के क्षेत्र हमारी नीली क्रांति के केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री शैवाल कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है और आधुनिक नौकाओं की खरीद के लिए मछुआरों को वित्तीय सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि निकोबार द्वीप समूह और समीप के मल्लका जलडमरूमध्य का यह पूरा क्षेत्र संसाधनों एवं सुरक्षा दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, इसे ध्यान में रखते हुए उपयुक्त माल परिवहन अवसंरचना का विकास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक नया समेकित टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चेन्नई से समुद्र के भीतर ऑप्टिकल फाइबर केबल अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने जल, बिजली, स्वच्छ ऊर्जा एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी विकास कार्यों की चर्चा की।