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भारत में पहलीबार बैंकों का त्रिपक्षीय विलय

बड़ौदा हस्‍तांतरिती, विजया एवं देना हस्‍तांतरणकर्ता बैंक

'बैंकों का व्‍यवसाय आकार बढ़ेगा व वैश्विक स्‍पर्धी बनेंगे'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 3 January 2019 02:16:02 PM

trilateral merger of banks

नई दिल्ली। भारत में पहलीबार बैंकों का त्रिपक्षीय विलय करते हुए नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक तथा देना बैंक की विलय योजना को मंजूरी दे दी है। बैंक ऑफ बड़ौदा हस्‍तांतरिती बैंक होगा, जबकि विजया बैंक और देना बैंक हस्‍तांतरणकर्ता बैंक होंगे। यह विलय योजना 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल का कहना है कि विलय से बैंकों को मजबूत वैश्विक स्‍पर्धी बैंक बनने में मदद मिलेगी, आकार व आपसी समन्‍वय की दृष्टि से बैंक को एक-दूसरे के नेटवर्कों, कम लागत की जमा और तीनों बैंकों की सहायक संस्‍थाओं की शक्तियों का लाभ मिलेगा तथा इससे उपभोक्‍ता आधार, बाज़ार पहुंच, संचालन क्षमता, उत्‍पाद और सेवा आधार में भी बढ़ोतरी होगी।
विजया बैंक एवं देना बैंक हस्‍तांतरणकर्ता बैंक हैं और बैंक ऑफ बड़ौदा हस्‍तांतरिती बैंक है। योजना प्रारंभ होने पर हस्‍तांतरणकर्ता बैंकों के सभी व्‍यवसाय हस्‍तांतरिती बैंक को हस्‍तांतरित कर दिए जाएंगे और हस्‍तांतरिती बैंक के पास सभी व्‍यवसाय, परिसम्‍पत्तियां, अधिकार, स्‍वामित्‍व, दावे, लाइसेंस, स्‍वीकृतियां, अन्‍य विशेषा‍धिकार और सभी सम्‍पत्ति, सभी उधारी, देनदारियां और दायित्‍व होंगे। हस्‍तांतरणकर्ता बैंक के सभी स्‍थायी और नियमित अधिकारी या कर्मचारी हस्‍तांतरिती बैंक में अधिकारी और कर्मचारी होंगे। हस्‍तांतरिती बैंक में उनकी सेवा में दिए जानेवाले वेतन और भत्ते हस्‍तांतरणकर्ता बैंकों के वेतन और भत्ते की तरह आकर्षक होंगे। हस्‍तांतरिती बैंक का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि हस्‍तांतरित होनेवाले कर्मचारियों और अधिकारियों के हित सुरक्षित हैं।
हस्‍तांतरिती बैंक हस्‍तांतरणकर्ता बैंक के शेयरधारकों को शेयर अदला-बदली अनुपात के अनुसार शेयर जारी करेगा। हस्‍तांतरिती बैंक तथा हस्‍तांतरणकर्ता बैंकों के शेयरधारकों को शेयर अदला-बदली अनुपात के संबंध में यदि कोई शिकायत है तो वे उसे विशेषज्ञ समिति के माध्यम से उठाने में सक्षम होंगे। विलय के बाद बैंक बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था की ऋण जरूरतों को पूरा करने, आघात सहन करने और संसाधन बढ़ाने की क्षमता को पूरा करने में बेहतर तरीके से लैस होगा। बैंक का व्‍यवसाय आकार बढ़ेगा और व्‍यापकता, मुनाफा, व्‍यापक उत्‍पाद पेशकश, टेक्‍नोलॉजी अपनाने और श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों की दृष्टि से सुधार होगा तथा व्‍यापक पहुंच के माध्‍यम से लागत क्षमता, सुधरा हुआ जोखिम प्रबंधन और वित्तीय समावेश होगा। देश में बैंकों के विलय से वैश्विक बैंकों की तुलना में बड़े आकार के बैंक बनेंगे, जो भारत और विश्‍व में क्षमता के साथ स्‍पर्धा में सक्षम होंगे।
प्रत्‍येक बैंक की स्थिति कम लागत सीएएसए जमा में देना बैंक की ऊंची पहुंच, विजिया बैंक का मुनाफा और पूंजी उपलब्‍धता तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की व्‍यापकता,वैश्विक नेटवर्क एवं पेशकश से बाज़ार पहुंच, संचालन क्षमता तथा व्‍यापक उत्‍पाद और सेवा देने के संदर्भ में लाभ होगा। बैंकों के विलय के बाद प्रतिभा का व्‍यापक विस्तार होगा और बड़ा डाटाबेस मिलेगा, जिसका लाभ तेजी से डिजिकृत हो रही बैंकिंग प्रणाली में स्‍पर्धी लाभ लेने के लिए उठाया जा सकता है। व्‍यापक पहुंच के कारण लाभ में प्रवाह आएगा, वितरण नेटवर्क बढ़ेगा और सहायक संस्‍थाओं के साथ उत्‍पाद और सेवाओं के लिए वितरण लागत में कमी आएगी। जन साधारण की पहुंच मजबूत नेटवर्क के माध्‍यम से व्‍यापक बैंकिंग सेवाओं तक होगी और उन्‍हें विभिन्‍न प्रकार के उत्‍पाद सेवाएं मिलेंगी तथा उनके लिए ऋण सहजता होगी।

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