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Thursday 3 January 2019 04:44:16 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत महिला लाभार्थी को 6 करोड़वां कनेक्शन प्रदान करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसे एक क्रांतिकारी योजना की संज्ञा दी और कहा है कि इससे ग़रीब परिवारों की महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी सरकार के लिए इतनी अल्पावधि में हासिल की गई शानदार उपलब्धि है। महिलाओं को कनेक्शन प्रदान करने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने महिलाओं, किसानों और कमजोर तबको के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह योजना अंत्योदय ग़रीबों में सबसे गरीब के कल्याण की मूल भावना को दिखलाती है, यह लाभार्थियों को गरीबी से बाहर आने में मदद करती है और उन्हें गर्व के साथ जीवन जीने के लिए सशक्त बनाती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि पूरे विश्व में पर्यावरण से मृत्यु होने का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना से महिलाओं को धुएं से भरे रसोई से मुक्ति मिली है और वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर होने वाले कुप्रभावों से भी बचाव हुआ है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का फिर से उदय हो रहा है और मुझे विश्वास है कि हम अपने जीवनकाल में ही भारत को विश्व के नेतृत्व करने वाले देश के रूपमें देखेंगे। उन्होंने योजना की सफलता के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय, तेल विपणन कंपनियों और अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उपराष्ट्रपति ने शिवपार्क खानपुर दिल्ली की निवासी जास्मिना ख़ातून को 6 करोड़वां एलपीजी कनेक्शन प्रदान किया। पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस अवसर पर उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति ने पीएमयूवाई के अंतर्गत 6 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने के लिए मंत्रालय तथा तेल विपणन कंपनियों के अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों की प्रशंसा की।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पीएमयूवाई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग़रीब व्यक्तियों विशेषकर समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों को लाभांवित करने के सपने को पूरा करने का प्रयास करता है। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तेजी से प्रयासरत है और देश में पीएमयूवाई जैसी योजनाएं विकास की कहानी के सामाजिक पहलू के साथ अपनी समावेशिता से निपटती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का आह्वान किया है और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की यह पहल लोगों के जीवन को बदलने में एक बड़ा कदम है, यह न केवल घरेलू धुएं के कारण स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी समस्याओं से निपटता है, बल्कि महिलाओं को भी सशक्त बनाता है और उनकी नियति पर नियंत्रण को पुनर्स्थापित करता है। उपराष्ट्रपति ने इसे शांतिपूर्ण तरीके से क्रांति के रूपमें वर्णित किया। उन्होंने निर्धारित समय से पहले ही लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी हितधारकों को बधाई दी। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि रसोई गैस के शुभारंभ के बाद से पचास वर्ष में केवल 13 करोड़ कनेक्शन प्रदान किए गए थे, जबकि पिछले 54 महीने में लगभग इतने ही कनेक्शन सरकार ने प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि एलपीजी कनेक्शन का कवरेज जो 2014 में 55 प्रतिशत था, बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएमयूवाई के लगभग 80 प्रतिशत लाभार्थी सिलेंडर रिफिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएमयूवाई का अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और विकसित देशों ने स्वागत किया है, साथ ही इसने दुनिया के विकासशील देशों के लिए एक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि देश में बीपीएल परिवारों को खाना पकाने हेतु स्वच्छ ईंधन के रूपमें एलपीजी प्रदान करने के उद्देश्य के साथ भारत सरकार ने ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की महिलाओं को 5 करोड़ जमारहित एलपीजी कनेक्शन देने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी, जिसका लक्ष्य बाद में 12800 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ 8 करोड़ तक बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल पीएमयूवाई में अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत पूर्व में सामाजिक आर्थिक जाति गणना सूची के माध्यम से चयनित श्रेणियों में जिनका नाम शामिल नहीं हुआ है और उन्हें एसईसीसी सूची में नाम नहीं होने के कारण एलपीजी कनेक्शन नहीं मिला है, उन लाभार्थियों जैसे अनुसूचित जाति जनजाति परिवार, प्रधानमंत्री आवास योजना, अंत्योदय अन्न योजना, वनवासी, अत्यधिक पिछड़ा वर्ग, चाय एवं पूर्व चाय बागान जनजातियों के लाभार्थियों, द्वीपों, नदी तटों पर रहने वाले लोगों की सूची के साथ शामिल किया गया है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पांच करोड़ कनेक्शन का और प्रारंभिक लक्ष्य निर्धारित लक्ष्य तिथि 31 मार्च 2019 से पहले ही हासिल कर लिया जाएगा। पीएमयूवाई के कार्यांवयन के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय एलपीजी कवरेज में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, विशेष रूपसे पूर्वी राज्यों में योजना के परिणामस्वरूप ग्रामीण ग़रीब घरों तक एलपीजी पहुंची है, जिसमें 48 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग से हैं। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत 74 प्रतिशत लाभार्थी जो गैस स्टोव की खरीद एवं पहले रिफिल के लिए अग्रिम राशि का भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्हें ओएमसी ने ऋण सुविधा प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि पीएमयूवाई लाभार्थियों की औसतन प्रति व्यक्ति खपत 3.28 है, यह उन घरों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव के रूपमें देखा जा सकता है, जो लम्बे समय से खाना पकाने हेतु पारंपरिक ईंधन एवं प्रक्रिया पर आश्रित थे।
समान समूह बातचीत कुछ सीखें, कुछ सिखाये के माध्यम से अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए एलपीजी पंचायतों का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अनुभव को साझा करने के अलावा एलपीजी के सुरक्षित एवं किफायती उपयोग को बढ़ावा देना भी है। पीएमयूवाई लाभार्थियों के बीच शिक्षा एवं जागरुकता हेतु ओएमसी ने अभी तक 59,960 एलपीजी पंचायतों एवं सुरक्षा कार्यशालाओं का आयोजन किया है। एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के उद्देश्य से तेल विपणन कंपनियों की देशभर में मार्च 2019 तक 835 नए डिस्ट्रीब्यूटरों को जोड़ने की योजना है। ग़रीब परिवारों तक एलपीजी उपलब्ध कराने के लिए ओएमसी ने उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए 5 किलोग्राम सिलेंडर रिफिल की शुरूआत की है, जिसमें उज्ज्वला लाभार्थी 14.2 किलोग्राम सिलेंडर के स्थान पर 5 किलोग्राम रिफिल या इसके विपरीत ले सकते हैं। ओएमसी ने पीएमयूवाई लाभार्थी जिन्होंने हॉटप्लेट या पहले रिफिल या दोनों के लिए ऋण लिया है, उनके लिए छह रिफिल या एक वर्ष तक ऋण वसूली आस्थगन की छूट भी दी है।