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Tuesday 8 January 2019 04:20:13 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्रालय की मासिक पत्रिका ‘जल चर्चा’ के ई-संस्करण को लांच किया। नितिन गडकरी ने इस अवसर पर विश्व में जल संरक्षण में सफल कार्यों को लागू करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों ने इस दिशा में अनेक कदम उठाए हैं और फिर से चार्ज किए गए कुओं के रूपमें सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी व्यापक सुधार हुआ है।
जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने जल के पुनरावर्तन तथा कचरे का धन के रूपमें पुनरावर्तन के महत्व को दोहराते हुए कहा कि महाराष्ट्र में उनके निर्वाचन क्षेत्र में 350 खेल मैदानों तथा 78 बागों की पहचान की गई है, जहां पुनरावर्तित जल का उपयोग छिड़काव में किया जाता है, जो स्वत: ताजा जल का संरक्षण करता है। उन्होंने कहा कि जल चर्चा का 25 पृष्ठ का प्रथम अंक एक यात्रा का प्रारंभ है, जिसका उद्देश्य लोगों को भागीदार बनाना है। नितिन गडकरी ने कहा कि पुनरावर्तित जल का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में भी किया जाएगा। उन्होंने मथुरा में पुनरावर्तित जल के फिर से उपयोग के लिए स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन और इंडियन ऑयल के बीच समझौता ज्ञापन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने भी यमुना के वजीराबाद से ओखला तक साफ किए गए जल का फिर से उपयोग करने की इच्छा व्यक्त की है, जो यह दिखाता है कि जल संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ रही है।
नितिन गडकरी ने कहा कि जल संरक्षण अभियान में स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक संगठनों तथा राज्यों को शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में सफलता के लिए सहयोग, समन्वय और संचार महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए उचित मंच प्रदान करेगी। पत्रिका का ई-संसकरण mowr.gov.in पर उपलब्ध है। जल संसाधन सचिव यूपी सिंह ने बताया कि जल चर्चा मंत्रालय की तीसरी पत्रिका है, स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन की नमामी गंगे पत्रिका और केंद्रीय जल आयोग की जलांश पत्रिका प्रकाशित की जाती है। कार्यक्रम में जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह भी उपस्थित थे।