स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 15 March 2013 10:42:39 AM
लखनऊ। रिहाई मंच ने कहा है कि आतंकवाद के नाम पर क़ैद निर्दोंष मुस्लिम युवकों को रिहा करने के वादे के सबब सत्ता में आई सपा सरकार ने 15 मार्च को एक साल पूरा कर लिया है, लेकिन सरकार ने इस वादे को निभाने के बजाय बेकसूरों को गिरफ्तार ही नहीं किया, बल्कि इस मुद्दे पर संसद और अवाम को भी गुमराह किया कि उनकी सरकार ने निर्दोषों को छोड़ दिया है। यही नहीं सपा सरकार कचहरी विस्फोटों के आरोपियों तारिक और खालिद की गिरफ्तारी पर गठित ‘निमेष आयोग’ की रिपोर्ट, जिसमें इनकी गिरफ्तारी को फर्जी बताया गया है, को पिछले 6 महीने से दबाए बैठी है। इसके अलावा जेलों में इन बेगुनाहों का उत्पीड़न जारी है, जिस पर जेल मंत्री राजेंद्र चौधरी से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस सरकार ने मुसलमानों के हाथ काटने की सार्वजनिक धमकी देने वाले वरुण गांधी को भी दोष मुक्त करवा दिया है।
रिहाई मंच का कहना है कि एक साल में 27 बड़े दंगे, इनमें सपा नेताओं और प्रशासन की संदिग्ध भूमिका, मजलूम मुसलमानों को मुआवजा न मिलना, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न होना और कुंडा के सीओ जिया उल हक, जो पिछले साल सपा सरकार में अस्थान प्रतापगढ़ में हुए मुस्लिम विरोधी हिंसा में रघुराज प्रताप सिंह की भूमिका की जांच कर रहे थे, की निर्मम हत्या और रघुराज को बचाने की शर्मनाक कोशिशों ने साफ कर दिया है कि पूर्व की भांति फिर सपा सरकार, भाजपा के साथ मिलकर सांप्रदायिक एजेंडे के तहत सांप्रदायिक माहौल बिगाड़कर 2014 में ‘चुनावी फसल’ काटना चाहती है। रिहाई मंच ने कहा है कि इसका विरोध करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।