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Thursday 17 January 2019 01:27:39 PM
सुवा/ नई दिल्ली। भारत सरकार में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से फीजी में गठित नगर राजभाषा कार्यांवयन समिति की बैठक का आयोजन किया। इस दौरान राजभाषा विभाग ने विदेशों में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूपमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और फीजी में भारत सरकार के दूतावास कार्यालय और बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विदेशों में भारत सरकार के कार्यालयों बैंकों आदि में राजकीय कामकाज में हिंदी भाषा का प्रयोग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय पटल पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से विदेशों में नगर राजभाषा कार्यांवयन समिति का गठन किया गया है और इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों के आयोजन की व्यवस्था की गई है। यह राजभाषा विभाग की नई पहल है। भविष्य में अन्य देशों में भी नगर राजभाषा कार्यांवयन समितियों का गठन किया जाएगा।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जब राजभाषा विभाग ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए पहलीबार अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ ही नगर राजभाषा कार्यांवयन समिति भी गठित की है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राजभाषा विभाग की यह पहल और विस्तार लेगी तथा विदेशों में भी हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के काम को बल देगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की पहचान इस बात से होती है कि उसने अपनी भाषा को किस सीमा तक मजबूत, व्यापक और समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर भी अभिव्यक्ति की सबल और प्रभावी संवाहिका है और हिंदी भाषा में विश्व की एक सशक्त भाषा के रूपमें उभरने के सभी गुण हैं। किरेन रिजिजू ने भारत की विकास गाथा में एक वैश्विक भाषा के रूपमें हिंदी भाषा का महत्व स्वीकार करते हुए कहा कि इसे और व्यापक स्वरूप प्रदान किया जाना समय की मांग है। उन्होंने विदेशों में गठित ऐसी समितियों के लिए राष्ट्रीय स्तर के राजभाषा पुरस्कारों की अलग श्रेणी निर्धारित किए जाने को कहा।
फीजी में भारत के हाई कमिश्नर विश्वास सपकाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जिस प्रकार सूर्य की पहली किरण फीजी में आती है, उसी प्रकार पहली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और नगर राजभाषा कार्यांवयन समिति का गठन फीजी में किया गया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फीजी में हिंदी भाषा के कार्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए मार्च 2019 में अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त कि भारत सरकार ने 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी में आयोजित करने का निश्चय किया है। राजभाषा विभाग के सचिव शैलेश ने फीजी में भारत सरकार के दूतावास कार्यालयों और बैंकों के प्रतिनिधियों का अधिकाधिक सरकारी कार्य हिंदी भाषा में करने का आह्वान किया, ताकि विदेशों में भी हिंदी कार्यांवयन की गति को बढ़ाया जा सके। संयुक्त सचिव राजभाषा विभाग के डॉ बिपिन बिहारी ने बैठक के दौरान पूर्ण तकनीकी सत्र संचालित किया और अपनी प्रस्तुतियों ‘राजभाषा नीति’ तथा ‘प्रौद्योगिकी के माध्यम से हिंदी का विकास’ के माध्यम से विभाग के नवोन्मेषी कार्यों के बारे में जानकारी दी और इसे फीजी के लिए उपयोगी बताया।
राजभाषा विभाग में संयुक्त सचिव डॉ बिपिन बिहारी ने विदेशों में राजभाषा नीति के सुगम कार्यांवयन के कारगर उपाय सुझाए। हिंदी भाषा के प्रयोग एवं कार्यांवयन के विषय में उन्होंने राजभाषा के ई-टूल्ज कंठस्थ एवं लीला हिंदी प्रवाह के बारे में भी जानकारी दी। संगोष्ठी में फीजी में हिंदी के प्रचार-प्रसार से जुड़ी संस्थाओं, संगठनों के प्रतिष्ठित विद्वान और लेखकों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री से मुलाकात की। राजभाषा विभाग ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागियों, राजभाषा विभाग से जुड़े कार्मिकों और अन्य गणमान्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी में बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधांशु खेमारी, न्यू इंडिया इश्योरेंस के सुभाष मेहता, भारतीय जीवन बीमा निगम के संजय दयाल, वाप्कोस के आदर्श कुमार ने भी हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार पर अपने विचार व्यक्त किए।