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Friday 15 March 2013 11:16:11 AM
देहरादून। जिलाधिकारी देहरादून बीवीआरसी पुरूषोत्तम की अध्यक्षता में जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति की प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक हुई। जिलाधिकारी को मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी देहरादून ने अवगत कराया कि पेट शॉप मालिकों व ब्रीडरों का पशु चिकित्साधिकारी ने सामयिक निरीक्षण किया। इस संबंध में जिलाधिकारी ने आपत्ति की कि जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति ने अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों नही की एवं पीपुल फार एनिमल्स संगठन के डॉग ब्रीडर्स के विरूद्ध उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करने की स्थिति क्यों उत्पन्न हुई, डेरियों के निरीक्षण करने पर क्या कार्रवाई की गई, राजा रोड देहरादून में स्थित तीन डेरियों के निरीक्षण में कार्रवाई पर जिलाधिकारी ने पूछा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एसपीसीए एक्ट के अनुसार स्पष्ट दिशा निर्देश न होने के कारण डेरी स्वामी के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पशुपालन विभाग देहरादून इस संबंध में पहल करे, एक्ट के अनुसार निर्णय लिया जाए तथा वरिष्ठ प्रोसीक्यूशन आफिसर को एसपीसीए द्वारा नामित किया जाए ताकि इस संबंध में उनसे विधिक राय ली जा सके तथा डेरी स्वामियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सके।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सुझाव दिया कि एसपीसीए के उपाध्यक्ष एवं सचिव की उपस्थिति में ही डेरी स्वामियों के विरूद्ध एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जानी उचित रहेगी। आंक्सीटोसिन के दुष्प्रभाव को रोकने हेतु विभागीय स्तर पर टीम का गठन किया गया है, जिसने 7 डेरियों का निरीक्षण किया और ऑक्सीटोसिन का कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है, औषधि निरीक्षक देहरादून ने अवगत कराया कि पशुओं पर प्रयोग में लाए जाने हेतु ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन का निर्माण बंद हो चुका है, किंतु कुछ कंपनियां चोरी छिपे निर्माण कर रही हैं, यदि कोई पशु चिकित्साधिकारी ऑक्सीटोसिन का सैंपल उपलब्ध कराता है तो इसका निःशुल्क परीक्षण प्रयोगशाला में कराया जाएगा तथा संबंधित कंपनी तथा डेरी स्वामी पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिस प्रकार पॉलिथीन पर रोकथाम लगाने हेतु शक्तियां निर्गत की गई हैं उसी प्रकार पशु क्रूरता निवारण हेतु शक्तियां निर्गत की जाएंगी। जिला पशु क्रूरता निवारण समिति के चार गैर सरकारी सदस्यों के चुनाव और पशु कूरता निवारण समिति के सदस्यों को पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाने पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी देहरादून ने निर्देश दिए कि जनपदीय जिला पशु क्रूरता निवारण समिति देहरादून के अधिशासी उपाध्यक्ष एवं सचिव पहचान पत्र निर्गत कराएं। पशुओं के प्रति कूरता पर चर्चा की गई। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से ट्रकों में क्षमता से अधिक वध हेतु ले जाए जा रहे पशुओं के संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया कि इस कार्रवाई पर निगरानी रखने हेतु पुलिस बल के सहयोग की आवश्यकता है, इसके लिए पुलिस विभाग में एक अलग सेल की स्थापना की गई है।
मांस विक्रताओं के पंजीकरण के संबंध में चर्चा की गई कि सभी मांस विक्रेताओं को फूड सेफ्टी एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप अपने संस्थान का संचालन किया जाना बाध्यकारी होगा, किसी भी विक्रेता को लाइसेंस जारी न किए जाएं के संबंध में संबंधित अधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद में 170 मीट विक्रेताओं का पंजीकरण किया गया है तथा अभी तक किसी भी मीट विक्रेता को लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। पंजीकरण हेतु पशु चिकित्साधिकारी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नही है, पंजीकरण की व्यवस्था लघु स्तर पर कार्य करने वाले मांस विक्रेताओं हेतु लागू है। वन्य जीवों पर पशुक्रूरता पर चर्चा की गई। प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून ने अवगत कराया कि वन्य जीवों से संबंधित पशुक्रूरता का कोई प्रकरण वर्तमान में उनके संज्ञान में नहीं है।