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Saturday 19 January 2019 02:07:30 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्भ दर्शन हेरिटेज एंड फोटोग्राफी ट्रेल बस को प्रयागराज के लिए अपने सरकारी आवास से झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि इस अवसर का लाभ उठाते हुए फोटोग्राफर विश्व के सामने कुम्भ के अद्भुत दृश्य अपने कैमरों में कैदकर प्रस्तुत कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि कुम्भ का आयोजन तीर्थाटन के लिए किया जाता है, लेकिन इस कुंभ के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने डेढ़ वर्ष से बड़ी तैयारियां की हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं जैसे सेतुओं, आरओबी निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण इत्यादि का लगातार विकास किया गया है, ताकि कुंभ आनेवाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 के दौरान कुंभ मेला क्षेत्र में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है और अब इसका विस्तार 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में है, इससे श्रद्धालुओं को आने-जाने और ठहरने में काफी सुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था 5 किलोमीटर के दायरे में की गई है, ताकि उन्हें सामान के साथ पैदल ज्यादा दूरी तय न करनी पड़े। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के दृष्टिगत इसबार कुम्भ में स्वच्छता पर विशेष बल दिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को कुंभ में निर्मल अनुभव हो। मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रद्धालु अक्षयवट और दर्शनार्थ सरस्वती कूप के भी दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुम्भ में गंगा और यमुना में पर्याप्त मात्रा में निर्मल जल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को स्नान हेतु स्वच्छ और निर्मल जल प्रचुर मात्रा में मिले।
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि श्रद्धालुओं को आगामी 26 जनवरी से गंगाजी में क्रूज की सुविधा भी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि करब 70 देशों के राजदूतों ने यहां आकर कुम्भ के आयोजन की तैयारियों को देखा और दुनिया के सबसे बड़े संगम का दर्शन किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देशन में यह भव्य कुम्भ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेला क्षेत्र में 71 देशों ने अपने ध्वज स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘पेंट माई सिटी’ के माध्यम से पूरे प्रयागराज में भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए चित्रों को बनाया गया है, जिनकी छटा निराली है और प्रयागराज कुम्भ-2019 के माध्यम से परम्परागत आस्था को सम्मान देते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।