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Wednesday 23 January 2019 04:40:55 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक हुए। उन्होंने कहा कि नेताजी एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत की आज़ादी के लिए अपने को समर्पित कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोग नेताजी के आदर्शों को पूरा करने और एक सशक्त भारत के निर्माण के लिए सतत रूपसे प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर दिल्ली के लाल किले में नेताजी सुभाष चंद्र बोस तथा आज़ाद हिंद फौज संग्रहालय का उद्घाटन किया, जहां सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फौज से संबंधित विभिन्न वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं, इनमें लकड़ी की कुर्सी और नेताजी की तलवार, पदक, बैच, वर्दी तथा आज़ाद हिंद फौज की सामग्री है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गणतंत्र दिवस से पहले इन संग्रहालयों को देखना उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी याद-ए-जालियां संग्रहालय जालियांवाला बाग़ और प्रथम विश्वयुद्ध की स्मृतियों पर बने संग्रहालय गए। यह 13 अप्रैल 1919 को जालियानवाला बाग़ में नृशंस हत्याकांड का प्रमाणिक लेखा प्रस्तुत करता है। इसमें प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की वीरता, शौर्य और बलिदान को भी दिखाया गया है। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 पर बने संग्रहालय में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम और इसमें भारतीयों के शौर्य और बलिदान को दिखाया गया है। प्रधानमंत्री सन् 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय कला पर बने संग्रहालय दृश्य संग्रहालय भी गए।
सोलहवीं शताब्दी से लेकर भारत की स्वतंत्रता तक की कलाओं को भारतीय कला प्रदर्शनी नेताजी सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय की आधारशिला प्रधानमंत्री ने 21 अक्टूबर 2018 को रखी थी। यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ का अवसर था। इस दौरान स्वतंत्रता के मूल्यों को ऊपर रखते हुए प्रधानमंत्री ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उन्होंने आपदा अनुक्रिया संचालनों में शामिल लोगों के सम्मान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर पुरस्कार की घोषणा भी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फौज के मूल्यों को आगे बढ़ाया। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा भारत की धरती पर तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ पर डाक टिकट, सिक्का और फर्स्ट डे कवर जारी किया और जानकारी दी कि किस तरह नेताजी के आह्वान पर अंडमान के अनेक युवाओं ने भारत की स्वतंत्रता के प्रति अपने आप को समर्पित किया था।
नेताजी के सम्मान में रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप नाम दिया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने अक्टूबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और भारत सरकार के पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी फाइलों को गैर-वर्गीकृत करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रधानमंत्री ने जनवरी 2018 में नेताजी की फाइलों की 100 डिजिटल प्रतियों को सार्वजनिक किया था। प्रधानमंत्री ने भारतीय कला पर प्रदर्शनी को दृश्यकला संग्रहालय में देखा। प्रदर्शनी में राजा रवि वर्मा, गुरूदेव टैगोर, अमृता शेरगिल, अबनिंद्र नाथ टैगोर, नंदलाल बोस, गगनेंद्रनाथ टैगोर, सैलोज मुखर्जी तथा जामिनी रॉय जैसे कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। उन्होंने कहा कि क्रांति मंदिर हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के क्रांतिकारी उत्साह और साहस के प्रति श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस से पहले ये संग्रहालय हमारे युवाओं को देश के गौरवशाली इतिहास से जोड़ेंगे और नागरिकों में देशभक्ति का भाव भरेंगे।