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Friday 25 January 2019 04:38:08 PM
नई दिल्ली। देशभर में आज 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग की आज विश्व में विश्वसनीयता और लोकप्रियता है। आज के दिन सन् 1950 में भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी। भारत निर्वाचन आयोग ने उल्लेखनीय रूपसे प्रगति करते हुए विश्व में अपने मतदान और निर्वाचन प्रणाली में अनुकरणीय स्थान हासिल किया है। भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश की निर्वाचन व्यवस्था को देखने और अपनाने के लिए दूसरे देश भारत आते हैं और यहां की निर्वाचन व्यवस्था के कायल हो जाते हैं। तबसे अबतक काफी चुनाव सुधार हुए हैं और मतपत्र के स्थान पर ईवीएम प्रचलित हो गई है। यद्यपि भारत में कुछ हताश निराश राजनीतिज्ञ भारत निर्वाचन आयोग की ईवीएम मशीन की ईमानदारी पर उंगली उठाते हैं, तथापि इस व्यवस्था से निर्वाचन आयोग के संसाधन और समय की बचत हुई है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने को प्रोत्साहित करना है और मतदाता सूची को सटीक बनाना है। इस दौरान नए मतदाताओं को प्रोत्साहित किया जाता है। यह दिवस देश के मतदाताओं को समर्पित है और इस दिन विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों से निर्वाचन प्रक्रिया में हिस्सेदारी के लिए मतदाताओं को जागरुक किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि यह स्थानीय, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तरों पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में निश्चित तौरपर भाग लेकर अपने लोकतंत्र को और भी सुदृढ़ करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करने का अहम दिवस है। उन्होंने कहा कि नागरिकों के इस ठोस कदम से नए भारत के निर्माण में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने सभी क्षेत्रों के लोगों से मतदाता पंजीकरण के बारे में व्यापक जागरुकता पैदा करने का अनुरोध किया। उन्होंने युवा मित्रों से खुद को मतदाताओं के रूपमें अपना पंजीकरण कराने को कहा, जिन्होंने ऐसा पहले नहीं किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वोट से हमारा लोकतांत्रिक ताना-बाना मजबूत होता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर देशभर में 6 लाख से अधिक स्थानों पर मतदाता जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कार्यक्रमों के दौरान नए मतदाताओं का स्वागत करते हुए उन्हें मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रदान किए गए। दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर में भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद प्रमुख रूपसे शामिल हुए और राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘कोई मतदाता न छूटे’ पर विशेष संबोधन दिया। इस अवसर पर ‘माई वोट मैटर्स’ नामक एक त्रैमासिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया और राष्ट्रपति को उसकी पहली प्रति पेश की गई। मतदाता जागरुकता के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान और उत्कृष्ट निर्वाचन व्यवहारों के लिए अधिकारियों, सिविल सोसायटी संगठनों और मीडिया संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए। राष्ट्रीय समारोह में बांग्लादेश, भूटान, कजाकिस्तान, मालदीव, रूस और श्रीलंका के मुख्य चुनाव आयुक्त, वरिष्ठ अधिकारी, राजनीतिक दल के सदस्य, सांसद, निर्वाचन एवं लोकतंत्र के क्षेत्र में काम करने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में कहा कि भारतीय लोकतंत्र पूरे विश्व के सामने एक मिसाल है, इसमें हमारे दो हितधारक सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं और ये हैं मतदाता और निर्वाचन आयोग, जो अपनी-अपनी भूमिकाओं में एक-दूसरे के पूरक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के विशाल आकार और हमारे देश में चुनाव से संबंधित लॉजिस्टिक्स को देखते हुए आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में भारत के लोकतंत्र और निर्वाचन प्रणाली का विशेष सम्मान है, कई देशों के चुनाव संस्थानों ने हमारी निर्वाचन प्रबंधन प्रणाली का अध्ययन किया है, भारत निर्वाचन आयोग ने कई देशों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया है और इस तरह वहां के क्षमता निर्माण में काफी मदद की है, यह इसके प्रति सम्मान का एक सटीक प्रतिबिंब है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष मतदाता दिवस की थीम है-कोई भी मतदाता न छूटे, इसके पीछे सिद्धांत दरअसल राजनीतिक अधिकारों और सार्वभौमिक मताधिकार की समानता को बनाए रखने का है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आम चुनाव एक पवित्र अनुष्ठान जैसा होता है। उन्होंने सभी पात्र नागरिकों से इस अनुष्ठान का हिस्सा बनने और वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव में भाग लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वोट अन्य मतदाताओं को प्रोत्साहित करेगा और प्रत्येक वोट हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा।