स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 23 February 2019 02:21:59 PM
नई दिल्ली। रेलवे के सुरक्षा प्रहरी माने जानेवाले रेलवे सुरक्षा बल की भव्य अलंकरण परेड-2019 हुई, जिसकी रेलवे तथा संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने मुख्य अतिथि के रूपमें सलामी ली और आरपीएफ के 63 अधिकारियों एवं कर्मियों को मातृभूमि की सेवा में उनके उत्कृष्ट, साहसिक और सराहनीय कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, भारतीय पुलिस पदक, बहादुरी के लिए रेलमंत्री पदक आदि अलंकरणों से सम्मानित किया। मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में आरपीएफ पर रेलवे की संपत्तियों की सुरक्षा के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई बार आरपीएफ को विषम स्थितियों में भी काम करना पड़ता है, इसे देखते हुए रेलवे ने भारतीय रेल के 200 बैरकों को और बेहतर बनाने का फैसला किया है, जिनकी बेहतर निगरानी के लिए एक वेब डैशबोर्ड बोर्ड विकसित किया गया है।
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि ढांचागत विकास एक गतिशील प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइनों को भीड़-भाड़ तथा गैर-कानूनी आवाजाही से बचाने के लिए उनके दोनों ओर दीवार बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल में महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च सुरक्षा दी गई है, इसलिए वर्ष 2018 को भारतीय रेल ने महिला और बच्चों के वर्ष के रूपमें मनाया था। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबर 182 को और बेहतर बनाया गया है। उन्होंने आरपीएफ की सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 182 के उन्नत संस्करण का शुभारंभ किया। यह हेल्पलाइन सेवा यात्रियों को संकट की स्थिति में मदद पहुंचाने के लिए फरवरी 2015 में शुरू की गई थी, 24 घंटे वाली यह सेवा भारतीय रेल के समूचे नेटवर्क पर उपलब्ध है। वर्ष 2018 में 25166 यात्रियों को इस नंबर के जरिए तुरंत मदद पहुंचाई गई थी। रेल यात्री इस सेवा से 90 फीसदी संतुष्ट है। रेल राज्यमंत्री ने आरपीएफ के अधिनस्थ अधिकारियों के लिए नए मेस और आरपीएफ बैरक की निगरानी के लिए विकसित नई प्रबंध प्रणाली का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आरपीएफ की अखिल भारतीय उपस्थिति है, हाल के दिनों में इसका प्रदर्शन विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूपसे यात्रियों के खिलाफ अपराधों का पता लगाने, बच्चों का बचाव और दलालों की गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई में उत्कृष्ट रहा है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि हाल के समय में रेल यात्रियों के करोड़ों रुपये के सामानों की चोरी में लिप्त अंतर्राज्यीय गिरोहों का भंडाफोड़ किया जाना आरपीएफ की पेशेवर क्षमता का बेहतरीन उदाहरण रहा है। उन्होंने कहा कि रेल टिकट की गैर-कानूनी तरीके से बिक्री करने वाले दलालों के खिलाफ 2 नवंबर 2018 को पूरे देश में एक साथ एक ही दिन 110 शहरों में की गई बड़ी कार्रवाई भी आरपीएफ की पेशेवर क्षमता और प्रतिबद्धता की दूसरी बड़ी मिसाल रही। उन्होंने कहा कि फोर्स ट्विटर, फेसबुक आदि लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से लाखों रेल उपयोगकर्ताओं के बीच पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ीकरण और उन्नयन के लिए रेलवे ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक के रूपमें सुरक्षा की पहचान की है। संवेदनशील रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों और हितधारकों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से पूर्ण अभिगम नियंत्रण के लिए एक स्टेशन सुरक्षा योजना की परिकल्पना की है। सभी जोनल रेलवे को प्रत्येक स्टेशन के लिए स्टेशन विशिष्ट ‘स्टेशन सुरक्षा योजना’ के संचालन के लिए सलाह दी गई है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नए भारत की परिकल्पना के अनुरूप आरपीएफ को एक स्मार्ट सुरक्षा इकाई बनाने के सभी प्रयास किए गए हैं। मनोज सिन्हा ने कहा कि अपने आदर्श वाक्य ‘यशोलभस्व’ के साथ आरपीएफ लगातार यात्रियों और लोगों के प्रति समर्पण, प्रतिबद्धता और सेवा की अपनी समृद्ध परंपरा को बनाए रखने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि एक अनुशासित और आकर्षक परेड देखकर उन्हें प्रसन्नता हुई है। उन्होंने परेड के सफल आयोजन के लिए आरपीएफ के सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया है। कार्यक्रम में उत्तरी रेलवे के महाप्रबंधक टीपी सिंह, आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।