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Saturday 23 February 2019 05:31:31 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इकोनोमिक टाइम्स वैश्विक व्यवसाय सम्मेलन को संबोधित किया और कहा है कि वर्ष 2013-14 में भारत विकराल महंगाई, उच्च राजकोषीय घाटे और नीतिगत अपंगता से घिरा हुआ था, जबकि आज स्पष्ट बदलाव दृष्टिगोचर हो रहा है। उन्होंने कहा कि हिचकिचाहटों की जगह उम्मीदों ने ले ली है और बाधाओं की जगह आशावादिता ने ले ली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से भारत में लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग एवं सूचकांकों में उल्लेखनीय सुधार आया है। उन्होंने कहा कि रैंकिंग अधिकतर पश्चतासूचक होते हैं, जो तभी बदलते हैं, जब जमीनीस्तर पर बदलाव आता है। इस संदर्भ में उन्होंने व्यवसाय की सुगमता का उल्लेख किया, जिसके कई मानकों में स्पष्ट रूपसे सुधार आया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक 2014 के 76 से सुधरकर 2018 में 57 तक आ चुका है, जिससे नवोन्मेषण में तेज़ बदलाव स्पष्ट रूपसे दिख रहा है। प्रधानमंत्री ने अभी एवं 2014 से पहले के बीच प्रतिस्पर्धा के विभिन्न रूपों के बीच एक अंतर रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब प्रतिस्पर्धा विकास पर है और कुल स्वच्छता या कुल विद्युतीकरण या उच्च निवेश जैसे आकांक्षापूर्ण लक्ष्यों को अर्जित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले स्पष्ट प्रतिस्पर्धा देरी एवं भ्रष्टाचार को लेकर प्रतीत होती थी। प्रधानमंत्री ने इस प्रकार के ‘वर्णन’ की जोरदार आलोचना की कि कुछ चीजें भारत में बिल्कुल असंभव हैं। उन्होंने कहा कि असंभव अब संभव है और उन्होंने भारत को स्वच्छ एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाने, गरीबों द्वारा प्रौद्योगिकी की ताकत का उपयोग करने, एवं नीति निर्माण में स्वनिर्णय तथा मनमानेपन को हटाने की दिशा में की गई प्रगति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पहले इस प्रकार की धारणा बनाई गई थी कि सरकारें एक ही समय विकासोन्मुखी तथा ग़रीबोन्मुखी नहीं हो सकतीं, लेकिन भारत के लोग अब इसे संभव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच देश 7.4 प्रतिशत की औसत से विकास दर्ज कराएगा और औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत से कम रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद से किसी भी सरकार की अवधि के दौरान यह औसत विकास की सर्वाधिक दर और औसत मुद्रा स्फीति की न्यूनतम दर होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 4 वर्ष के दौरान देश में प्राप्त विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की राशि लगभग उतनी ही है, जितनी 2014 से पहले के सात वर्ष के दौरान प्राप्त हुई थी, इसे अर्जित करने के लिए भारत को रूपांतरण हेतु सुधारों की आवश्यकता थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिवालियापन कोड, जीएसटी, रियल एस्टेट अधिनियम के जरिए दशकों के उच्चतर विकास के लिए एक ठोस बुनियाद रख दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 130 करोड़ आकांक्षाओं का देश है और विकास तथा प्रगति के लिए कभी भी एक विजन नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि नवीन भारत का हमारा विजन आर्थिक रूपरेखा, जाति, वर्ण, भाषा एवं धर्म से परे, समाज के सभी वर्गों की आवश्यकताओं का ध्यान रखता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि नवीन भारत के हमारे विजन में भविष्य की चुनौतियों पर ध्यान देना और अतीत की समस्याओं का समाधान करना शामिल है। इस संदर्भ में उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने अपनी सबसे तेजगति से चलने वाली रेलगाड़ी का निर्माण किया है, इसने सभी मानवरहित रेलवे क्रांसिंगों को भी समाप्त कर दिया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत तेजगति से आईआईटी एवं एम्स का निर्माण कर रहा है, विद्यालयों में शौचालयों, स्मार्ट सिटियों का निर्माण और आकांक्षापूर्ण जिलों में तेज प्रगति भी सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बिजली का एक शुद्ध निर्यातक देश बन गया है। प्रधानमंत्री ने सामाजिक क्षेत्र में सकारात्मक उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक वर्ष 6000 रुपये की सहायता उपलब्ध कराने के जरिए 12 करोड़ छोटे एवं सीमांत किसानों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्ष में हम हमारे किसानों को 7.5 लाख करोड़ रुपये या लगभग 100 बिलियन डॉलर हस्तांतरित करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और इनोवेट इंडिया पर हमारे फोकस से बेहतर लाभांश सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पंजीकृत स्टार्टअप के 44 प्रतिशत द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी शहरों से हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी निर्धनों एवं धनी व्यक्तियों के बीच के अंतर को पाट रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार भारत को एक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की दिशा में वैश्विक अभियान का नेतृत्व करने एवं भारत को बिजली के वाहनों तथा ऊर्जा भंडारण उपकरणों में विश्व का अग्रणी देश बनाने के लिए तत्पर है।