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Friday 1 March 2019 12:59:23 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गलत निर्णयों, कुप्रबंधन एवं लालच के कारण अनेक कंपनियों के बर्बाद होने के साथ-साथ व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को भी अपूरणीय क्षति पहुंचने से जुड़ी हालिया घटनाओं पर भारी चिंता जताते हुए कारोबारी नैतिकता एवं मूल्यों को प्रबंधन शिक्षा के एक महत्वपूर्ण एवं अभिन्न हिस्से के रूपमें शामिल करने की जरूरत पर विशेष बल दिया है। उपराष्ट्रपति ने इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल लीडरशिप कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए विश्व समुदाय से आर्थिक अपराधियों से जुड़ी सूचनाओं को स्वत: साझा करने पर आम सहमति बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण की उपयुक्त व्यवस्था होनी चाहिए। इस कॉन्क्लेव का आयोजन एजुकेशन प्रमोशन सोसायटी फॉर इंडिया ने किया था। भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था में बिजनेस से जुड़ी शिक्षा की विशेष अहमियत का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि प्रशिक्षित मानव पूंजी या संसाधन संपत्ति के सृजन और जीडीपी में वृद्धि करने की दृष्टि से विशिष्ट मायने रखता है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं को निश्चित तौरपर ऐसा प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, जो रोज़गार मुहैया कराने में सक्षम कौशल से उन्हें युक्त कर सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण प्राप्त करने पर देश के युवा आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकेंगे।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने यह बात रेखांकित की कि चौथी औद्योगिक क्रांति ने विश्वभर की कारोबारी हस्तियों को अपने कर्मचारियों को इस तरह से प्रशिक्षित करने के लिए प्रेरित किया है, जिससे कि वे भावी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा कि भारत के कारोबारियों को भी अब यह एहसास हो गया है कि आनेवाले वर्ष में भारत के रोज़गार बाज़ार में व्यापक बदलाव देखने को मिलेंगे। वेंकैया नायडू ने कहा कि देश के युवाओं को कल की भावी चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने हेतु पिछली शिक्षाओं पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने बिजनेस स्कूलों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके यहां से स्नातक की डिग्री लेने वाले युवाओं को 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में अच्छी तरह से सक्षम होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने यह इच्छा जताई कि विभिन्न संस्थानों को एमबीए या पीजीडीएम पाठ्यक्रमों के लिए ऐसी नियामकीय रूपरेखा तैयार करनी चाहिए, जो नवाचार, प्रयोगात्मक कदमों और उद्यमिता को बढ़ावा दे।
वेंकैया नायडू ने कहा कि बिजनेस स्कूलों को अपने यहां अभिनव कौशल प्रदान करने वाले नए पाठ्यक्रमों को चालू करना चाहिए, जिससे कि वहां से पास करने वाले विद्यार्थियों को इस तरह की नई नौकरियां करने में अत्यंत आसानी हो, जिनमें समस्याओं को सुलझाने के लिए भावी या अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाता है। कॉन्क्लेव में ईपीएसआई के अध्यक्ष, वीआईटी के संस्थापक एवं कुलपति डॉ जी विश्वनाथन, ईएफएमडी एवं ईएफएमडी जीएन के महानिदेशक तथा सीईओ प्रोफेसर एरिक कॉरन्यूल, ईपीएसआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ एमआर जयराम, ईपीएसआई के वैकल्पिक अध्यक्ष, बिम्टेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी, शारदा विश्वविद्यालय के कुलपति पीके गुप्ता, ईपीएसआई के कार्यकारी सचिव एम पलानिवेल और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।