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Friday 1 March 2019 01:22:39 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश में एक समान विकास सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण और शहरी भारत की बीच की खाई पाटने तथा विकास के लिए ग्रामीण भारत पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उपराष्ट्रपति नवाचार और गवर्नेंस पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गवर्नेंस में कलाम नवाचार पुरस्कार 2019 प्रदान किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक स्थिति को देखे बिना सभी को समान संसाधन, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। उन्होंने युवा पीढ़ी से शोध करने और नए विचारों एवं नवाचारों से देश की विकासगाथा में योगदान करने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक रूपसे स्पर्धी देश के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने में प्रत्येक नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम एक साथ सतत प्रयास से नए भारत के सपने को साकार कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने शासन संचालन और कार्य प्रदर्शन को वास्तविक प्रगति का आधार बताया। उन्होंने कहा कि विचारों को सार्थक वास्तविकताओं में बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से उस भारत का विजन झलकता है, जो विकास की राह पर चलते हुए विश्व समुदाय में अपना स्थान बनाने में अपनी बौद्धिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पूंजी का उपयोग कर रहा है। उपराष्ट्रपति ने वैज्ञानिक समुदाय, शोधकर्ता और नवाचार में शामिल लोगों से किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए विज्ञान, टेक्नोलॉजी तथा नवाचार का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कृषि पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर होती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि देश की 60 प्रतिशत आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में श्रेष्ठ विचारों और नवाचार को लागू करना महत्वपूर्ण चुनौती है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने 75 नए कलाम डिजिटल पुस्तकालयों का शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान, रक्षा मंत्रालय में डीजीडीआईए तथा डीसीआईसीएस इंटेलीजेंस लेफ्टिनेंट जनरल अमरजीत सिंह बेदी, गोवा के कला और संस्कृति जनजातीय कार्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद गौड़े, गुजरात के मुख्य सचिव डॉ जगदीप नारायण सिंह और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।