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Saturday 2 March 2019 01:16:07 PM
नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक यानी एडीबी और भारत सरकार ने मुम्बई मेट्रो रेल प्रणाली की दो लाईनों को चालू करने के लिए आज 926 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा, शहर स्वच्छ होगा तथा भीड़-भाड़ कम करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि 26 फरवरी 2019 को एडीबी बोर्ड में स्वीकृत यह ऋण एडीबी के इतिहास में सबसे बड़ा एकल आधारभूत परियोजना ऋण है और इससे लाइन 2ए दहिसर से डीएन नगर, 2बी डीएन नगर-बांद्रा-मंडाले तथा 7 दहिसर पूर्व से अंधेरी पूर्व की कुल 58 किलोमीटर लंबी रेललाइन का वित्तपोषण होगा। यह परियोजना 63 छह डिब्बों की ट्रेन, सिग्नल तथा सुरक्षा प्रणालियों के लिए धन-पोषण करेगी और मुम्बई में संपूर्ण मेट्रो नेटवर्क के प्रबंधन के लिए समर्पित नए मेट्रो संचालन संगठन की स्थापना में मदद देगी।
परियोजना को मुम्बई महानगरीय क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण लागू करेगा और 2022 के अंत तक इन लाइनों के चालू होने से अनुमानित 2 मिलियन यात्री एक दिन में दो नई लाइनों का उपयोग करेंगे, ये पहले से अधिक सुरक्षित और आरामदायक ढंग से यात्रा करेंगे, इससे वाहनों के उत्सर्जन में कमी आएगी और कार्बनडाईआक्साईड उत्सर्जनमें एक वर्ष में लगभग 166,000 टन की कमी आएगी। ऋण समझौते पर एबीडी की ओर से एबीडी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि एबीडी की वित्तीय सहायता से मुम्बई के लाखों यात्रियों को यात्रा सुविधा मिलेगी, उपनगरीय रेल प्रणाली में भीड़ कम होगी और नागरिकों को आधुनिक, स्वच्छ तथा रहने योग्य शहरी वातावरण प्रदान करने में योगदान होगा।
ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव (फंड बैंक तथा एबीडी) समीर कुमार खरे ने हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि न्यू मुम्बई मेट्रो राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी और परिवर्तनकारी योजना है, जो शहरी परिवहन नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने और भारत के वित्त केंद्र की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान देगी। बारह मिलियन आबादी का मुम्बई शहर महाराष्ट्र की राजधानी है, इसे भारत की वित्तीय राजधानी भी माना जाता है। महाराष्ट्र भारत की सकल घरेलू उत्पाद में 15 प्रतिशत का योगदान करता है, जिसमें से 40 प्रतिशत मुम्बई महानगरीय क्षेत्र का योगदान है। मुम्बई में रेल परिवहन का प्राथमिक साधन है और लगभग 400 किलोमीटर के उपनगरीय नेटवर्क में एक दिन में 7.5 मिलियन से अधिक यात्री सफर करते हैं।
परिवहन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने 276 किलोमीटर लंबी 12 मेट्रो लाइनों के लिए योजना विकसित की है। सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर 2014 में लाइन-1 पूरी की गई। इस लाइन पर एक दिन में 400,000 यात्री सफर करते हैं और इसके पूर्व-पश्चिम मार्ग पर यात्रा समय 71 मिनट से घटकर 21 मिनट हो गया है। दो अन्य मेट्रो लाइनों से यात्रा में सुगमता आएगी और शहर रहने योग्य तथा स्पर्धी बनेगा। कई बार स्टेशनों तक की पहुंच कठिन होती है, इसलिए एडीबी इलेक्ट्रिक वाहन तथा गैर-मोटर वाहन के माध्यम से अंतिम छोर तक संपर्क को सुधारने में एमएमआरडीए को मदद दे रहा है।