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Saturday 2 March 2019 05:49:08 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कारपोरेट कार्यमंत्री अरुण जेटली ने आज नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में एक कार्यक्रम में ‘मन की बात रेडियो पर एक सामाजिक परिवर्तन’ नाम से पुस्तक का लोकार्पण किया। अरुण जेटली ने इस अवसर पर कहा कि मन की बात कार्यक्रम में ऐसी स्मरण शक्ति है, जो कार्यक्रम के श्रोताओं पर गहरी छाप छोड़ती है। उन्होंने रेडियो की शक्ति, समाचार और मनोरंजन के प्रमुख स्रोत के रूपमें इसके प्रभाव और इसकी विशाल भौगोलिक पहुंच का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लोगों तक सीधे पहुंचने के लिए रेडियो का व्यापक उपयोग करते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो की व्यापक पहुंच को पहचानते हुए रेडियो माध्यम का उपयोग शुरू किया, ताकि सीधे तौरपर लोगों से संवाद किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम स्पष्ट संवाद का बड़ा उदाहरण है और अब बड़े वक्तव्य का समय नहीं रह गया है।
मन की बात पुस्तक आकाशवाणी पर प्रसारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवाद कार्यक्रम मन की बात की 50 कड़ियों पर आधारित है। पुस्तक प्रधानमंत्री की पहुंच के विभिन्न पहलुओं, कार्यक्रम के बारे में लोगों से प्राप्त निरंतर प्रतिक्रियाओं, जनांदोलन प्रारंभ करने में इसकी प्रेरणा, भारत के युवाओं के मस्तिष्क और हृदय पर पड़े गंभीर प्रभावों के बारे में प्रकाश डालती है। पुस्तक मन की बात कार्यक्रम की प्रत्येक कड़ी के बाद विभिन्न चैनलों से मिले लोगों के फीडबैक पर पृष्ठभूमि में किए गए शोधकार्य की भी जानकारी देती है। ज्ञातव्य है कि मन की बात का पहला प्रसारण 3 अक्टूबर 2014 को हुआ था। पुस्तक पाठकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और मन की बात से जुड़े उनके विश्वासों के बारे में जानने का दुर्लभ और विशेष अवसर प्रदान करती है, जिसे प्रधानमंत्री ने लेखकों से प्रकट किया है। रेडियो संबोधन के ट्रांसक्रिप्ट से भीतरी बातें उजागर हुई हैं और पुस्तक में इन बातों का महत्वपूर्ण योगदान है।
पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण टीम और आकाशवाणी के लोगों और माईगोव पर साझा की गईं दिलचस्प बातें यह बताती हैं कि किस तरह रेडियो कार्यक्रम का विचार आया, कैसे नाम और फ्रिक्वेंसी का निर्णय हुआ और किस तरह रूपरेखा बनाई गई। पुस्तक की क्रमवार सामग्री अ-लाभकारी संगठन ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने एकत्रित की है और इसका प्रकाशन प्रतिष्ठित प्रकाशक रूपा पब्लिकेशन इंडिया ने किया है। प्रसार भारती के अध्यक्ष डॉ ए सूर्य प्रकाश ने कहा कि यह कार्यक्रम दोतरफा संवाद का विशिष्ठ उदाहरण है, जिसमें लाखों लोग अपने सुझाव देते हैं और प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रम में उनके सुझावों का जिक्र करते है। उन्होनें कहा कि मन की बात कार्यक्रम सामाजिक परिवर्तन का डॉ भीमराव अम्बेडकर का सपना पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण साधन रहा है।
प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेमपती ने कहा कि टेलीविज़न पर मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण एक नवाचार है, जिससे टेलीविज़न पर रेडियो कार्यक्रम को जीवन प्राप्त करने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम को सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी दिखाया जाता है, जिससे डिजिटल छाप पड़ी है और रेडियो के लिए डिजिटल चेतना जगी है। उन्होंने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह रेडियो के लिए पुर्नजागरण में योगदान करने वाला कार्यक्रम है। पुस्तक के लोकार्पण पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे, प्रसार भारती के सदस्य वित्त राजीव सिंह, खिलाड़ी मनिका बत्रा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, आकाशवाणी के महानिदेशक एफ शहरयार और आकाशवाणी एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।