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Monday 4 March 2019 03:09:41 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की बालिकाओं के जन्मते ही विकास और उनके भविष्य को सुनिश्चित करने वाली कन्या सुमंगला योजना और उसके स्वरूप को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दे दी है। इस योजना को उत्तर प्रदेश विधानसभा के इसी सत्र में लाया गया था और इसके लिए बजट में बारह सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। कन्या सुमंगला योजना का संचालन उत्तर प्रदेश का महिला कल्याण विभाग करेगा और यह योजना 1 अप्रैल 2019 से लागू हो जाएगी। कन्या सुमंगला योजना की छह श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। गौरतलब है कि वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में इस योजना की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इसके पीछे सभी वर्गों की कन्याओं का उज्जवल भविष्य और महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना और उनके प्रति सम्मान का भाव जागृत करना है। यह योजना राज्य सरकार की लोकप्रिय योजनाओं में से एक है, बशर्ते यह पात्र कन्याओं तक ईमानदारी से पहुंच जाए।
कन्या सुमंगला योजना की छह श्रेणियों के अनुसार प्रथम श्रेणी के अंतर्गत 1 अप्रैल 2019 के पश्चात जन्मी नवजात बालिकाओं को लाभांवित किया जाएगा। द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं होंगी, जिनका 1 वर्ष के भीतर सम्पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो तथा उनका जन्म 1 अप्रैल 2018 से पूर्व न हुआ हो। तृतीय श्रेणी में वह बालिकाएं आएंगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो। चतुर्थ श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं आएंगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान कक्षा 6 में प्रवेश लिया हो। पंचम श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान कक्षा 9 में प्रवेश लिया हो तथा छठी श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी, जिन्होंने 12 कक्षा उत्तीर्ण कर चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक की डिग्री या कम से कम 2 वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो।
कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का ही निवासी होना चाहिए। उसके स्थायी निवास प्रमाण-पत्र के रूप में राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर पहचान पत्र, विद्युत, टेलीफोन का बिल मान्य होगा। किसी परिवार की अधिकतम 2 ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा। लाभार्थी के परिवार में अधिकतम 2 बच्चे हों। किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। योजना के अनुसार यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है और द्वितीय प्रसव से 2 जुड़वा बालिकाएं पैदा होती हैं, तो केवल इसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को भी इसका लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली गई संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम 2 बालिकाएं ही इस योजना की लाभार्थी होंगी।
कन्या सुमंगला योजना के तहत प्रथम श्रेणी की लाभार्थी कन्या को एकमुश्त 2000 रुपए, द्वितीय श्रेणी की लाभार्थी को एकमुश्त 1000 रुपए, तृतीय श्रेणी की लाभार्थी को एकमुश्त 2000 रुपए, चतुर्थ श्रेणी की लाभार्थी को एकमुश्त 2000 रुपए, पंचम श्रेणी की लाभार्थी कन्या को एकमुश्त 3000 रुपए तथा छठी श्रेणी की लाभार्थी कन्या को एकमुश्त 6000 रुपए दिए जाएंगे। योजना के अंतर्गत देय धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। योजना के क्रियांवयन में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत मार्गदर्शिका में यथाआवश्यक संशोधन एवं परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री को प्राधिकृत किया गया है। योजना के लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक अधिकतम आय 1 लाख 80 हजार रुपए प्रस्तावित की गई थी, मगर मुख्यमंत्री की पहल पर मंत्रिपरिषद ने लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक अधिकतम आय सीमा को 3 लाख रुपए करने का निर्णय लिया है।