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Monday 18 March 2013 07:40:51 AM
लखनऊ। एसटीएफ उत्तर प्रदेश को जीआरपी मुगलसराय से वांछित एक जालसाज को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है, जो वरिष्ठ रेलवे व पुलिस अधिकारी बनकर रेलवे विभाग में नौकरी, स्थानांतरण आदि कराता था। गिरफ्तार व्यक्ति प्रेम शंकर सिंह पुत्र विश्वनाथ सिंह निवासी कुचमनपुर थाना अलीनगर जनपद चंदौली है। उससे दो मोबाइल फोन 8127770411 एवं 8172961951 बरामद हुए हैं। विगत दिनों रवि चतुर्वेदी, निदेशक सतर्कता, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) दिल्ली ने महानिरीक्षक एसटीएफ को अवगत करायाकि एक व्यक्ति उपरोक्त मोबाइल नंबरों व अन्य मोबाइल नंबरों से उनके नाम पर नार्थ ईस्ट फ्रंटियर, ईस्ट कोस्ट, ईस्ट सेंट्रल, नार्थ सेंट्रल, ईस्टर्न व सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को अनुचित लाभ हेतु फोन करता है तथा इसका पता कर कार्रवाई हेतु अनुरोध किया गया।
इस सूचना पर एस आनंद, अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ की टीम ने अभिसूचना संकलित की। अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि वह व्यक्ति जनपद चंदौली के कुचमनपुर में रहता है। इसी क्रम में यह भी ज्ञात हुआ कि उसने डीआरएम मुगलसराय को भी आईजी बीके सिंह, आईपीएस बनकर मोबाइल नंबर 8127770411 से एक व्यक्ति के स्थानांतरण हेतु फोन किए थे, जिस पर संदेह होने पर जीआरपी मुगलसराय में अभियोग पंजीकृत कराया गया। प्रेम शंकर सिंह की गतिविधियों के संबंध में पुख्ता जानकारी मिलने पर एसटीएफ की एक टीम मुगलसराय रवाना हुई व जीआरपी से संपर्क कर उसकी गिरफ्तारी हेतु विवेचक के साथ 16 मार्च को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ पर प्रेम शंकर सिंह ने बताया कि वह रेल विभाग में क्लर्क के पद पर भर्ती हुआ था। वर्ष 1986 में रेल विभाग में वह मारपीट के मामले में जेल गया था। वर्ष 2003 में जब वह स्टेशन मास्टर कुचमनपुर के पद तैनात था तो भ्रष्टाचार के एक मामले में बर्खास्त हो गया था। पिछले 2 वर्ष से वह कई मोबाइल नंबरों से रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन पर स्थानांतरण, भर्ती, मेडिकल परीक्षण आदि के लिए सिफारिशें करता था, आईपीएस अधिकारी या वरिष्ठ रेलवे अधिकारी के रूप में कई लोगों की ग्रुप डी में भर्ती व स्थानांतरण आदि करवाने के लिए फोन किया है। इसके बदले में वह संबंधित कर्मी, अभ्यर्थी से मोटी रकम वसूलता था। विगत दिनों से उसके फोन के संबंध में जीआरपी मुगलसराय विस्तृत पूछताछ कर रही है।