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Wednesday 6 March 2019 05:52:13 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार देश में उद्योगों के साथ-साथ व्यापार को सुविधाजनक बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने देश के उद्योग जगत की हस्तियों से विभिन्न वस्तुओं की जीएसटी दरों में कमी करने संबंधी जीएसटी परिषद की हालिया सिफारिशों का अनुपालन करने के साथ उपभोक्ताओं को इसका लाभ पहुंचाने को कहा है। वित्तमंत्री ने आज नई दिल्ली में अपने कार्यालय में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। वित्तमंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों के मामले में सुधार प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी, ताकि देश में कारोबार करने में और ज्यादा आसानी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि दिवाला एवं दिवालियापन संहिता से देश में ऋण संबंधी संस्कृति में बदलाव आया है और इससे बैंकिंग क्षेत्र को बकाया ऋणों की तेजी से वसूली करने में मदद मिल रही है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर अब पटरी पर आ गया है और यह तेजी से सुव्यवस्थित होता जा रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस टैक्स दर घटाने एवं कर आधार बढ़ाने के साथ-साथ राजस्व संग्रह में और ज्यादा वृद्धि करने पर है। उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में अप्रत्यक्ष करों के संग्रह में और ज्यादा वृद्धि होगी। वित्तमंत्री ने कहा कि जहां तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सवाल है, भारत अब भी इस दृष्टि से अत्यंत आकर्षक गंतव्य या देश है। उन्होंने कहा कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास की गति तेज एवं समावेशी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि कमजोर तबकों सहित समाज के सभी वर्गों तक विकास के लाभ पहुंच सके। इससे पहले फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली को फिक्की के एक प्रकाशित ग्रंथ ‘विकास के लिए एजेंडा और साझा समृद्धि’ की प्रति भेंट की।
संदीप सोमानी ने अंतरिम बजट 2019-20 में छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए सीधी या प्रत्यक्ष आय सहायता योजना पेश करने संबंधी सरकारी निर्णय के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री का धन्यवाद किया। फिक्की के अध्यक्ष ने वित्तमंत्री से अनुरोध किया कि प्रत्यक्षकर से जुड़े सुधारों की प्रक्रिया को जारी रखते हुए कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर सभी कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत के स्तर पर ला दिया जाए, चाहे उनका कारोबार या टर्नओवर कुछ भी क्यों न हो। उन्होंने विश्वास दिलाया कि कॉरपोरेट टैक्स की दर को तर्कसंगत बनाने से भारत का कॉरपोरेट क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएगा। इस दौरान एनबीएफसी यानी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां क्षेत्र की विशेष अहमियत पर भी प्रकाश डाला गया और प्रतिनिधिमंडल के विभिन्न सदस्यों ने टिकाऊ उपभोक्ता सामान एवं अचल संपत्ति यानी रियल एस्टेट क्षेत्र में हुए विकास की ओर ध्यान दिलाया, जिसमें एनबीएफसी क्षेत्र से मिले सहयोग का सर्वाधिक योगदान रहा है।
फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने इस संदर्भ में इस बात का उल्लेख किया कि वैसे तो बाजार में तरलता की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए अभी कुछ और कदम उठाने की जरूरत है। इस दौरान अर्थव्यवस्था में रोज़गार सृजन में बेहतरी लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने की जरूरत पर भी चर्चाएं हुईं। फिक्की के अध्यक्ष ने वित्त मंत्री से ‘निवेश भत्ता’ फिर से शुरू करने के साथ-साथ इसे रोज़गार सृजन से जोड़ने का अनुरोध किया। इस दौरान ‘चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम’ को उन क्षेत्रों अथवा सेक्टरों में भी शुरू करने का अनुरोध किया गया, जिनमें भारत काफी हद तक आयात पर निर्भर है।