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Sunday 10 March 2019 12:59:32 PM
नई दिल्ली। भारतीय राजस्व सेवा के 72वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। आईआरएस प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और आनेवाले वर्ष में इसकी जीडीपी दुगुना से ज्यादा होने की उम्मीद है, इससे चौतरफा अवसर व संभावनाओं का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि इससे कर राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी और राजस्व अधिकारियों की चुनौतियां भी बढ़ेंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि राजस्व अधिकारियों को देश के आर्थिक साधन को सुगम बनाने के लिए कारगर उपायों की जरूरत पड़ेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि आम आदमी को लोकसेवकों खासकर आईआरएस अधिकारियों से काफी उम्मीदें हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिकारियों से कहा कि वे यह न भूलें कि आम लोगों से ही उन्हें उनकी सेवा करने की शक्ति और अधिकार मिलते हैं। उन्होंने कहा कि ये अधिकारी सरकार और नागरिकों के बीच प्रमुख कड़ी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्ष में भारत सरकार ने वित्तीय व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं और कालेधन पर भी अंकुश लगाया है। रामनाथ कोविंद ने कहा कि कालेधन से लड़ाई में आईआरएस अधिकारी अग्रणी सैनिक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि नोटबंदी,आय घोषणा योजना और बेनामी संपत्ति निषेध कानून में संशोधन जैसे कदम हमारी अर्थव्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के प्रति लोगों और सरकार की इच्छाशक्ति को दर्शाता है।