स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 18 March 2013 08:30:38 AM
लखनऊ। रिहाई मंच ने जनहित की बात कहते हुए एकल सदस्यीय निमेष जांच आयोग रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया। रिहाई मंच ने इसकी प्रतियां मीडिया को ई-मेल की हैं।
नवंबर 2007 में यूपी कचहरी धमाकों के बाद 12 दिसंबर 2007 को आजमगढ़ से तारिक कासमी और 16 दिसंबर 2007 को मड़ियाहूं से खालिद मुजाहिद की गिरफ्तारियों के बाद 22 दिसंबर को उन्हें बाराबंकी से गिरफ्तार किए जाने के यूपी एसटीएफ के दावों पर उठे सवालों पर तत्कालीन बसपा सरकार ने इन गिरफ्तारियों पर उठे सवालों की जांच के लिए आरडी निमेष जांच आयोग गठित किया था, जिसकी रिपोर्ट पिछले साल 31 अगस्त 2012 को आरडी निमेष आयोग राज्य सरकार को सौंप चुका है, लेकिन इस रिपोर्ट को सरकार ने नहीं जारी किया। पिछले कुछ महीनों में इस रिपोर्ट के कुछ हिस्से मीडिया में प्रकाशित भी हो चुके हैं, जिसमें यह बात सामने आई है कि तारिक और खालिद की गिरफ्तारियां संदिग्ध थीं। साथ ही रिपोर्ट यूपी एसटीएफ की गैरकानूनी कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाती है।
ऐसे में इस रिपोर्ट को सरकार को जारी कर देना चाहिए था, पर इसे 7 महीने बाद भी जारी न करना सरकार की नीयत पर सवाल उठाता है। रिहाई मंच ने यह रिपोर्ट हासिल कर उसे सार्वजनिक कर मीडिया को ई-मेल किया है। रिहाई मंच ने कहा है कि रविवार को सोशलिस्ट पार्टी के लखनऊ कार्यालय से इसे सार्वजनिक कर दिया गया है।