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Monday 18 March 2019 12:08:27 PM
पणजी। अफसोस कि हिंदुस्तान ने एक शानदार शासनकर्ता अत्यंत सादगीपूर्ण जीवन, ईमानदार एवं प्रखर राष्ट्रवादी व्यक्तित्व के धनी और अमूल्य निधि मनोहर पर्रिकर को खो दिया है। नरेंद्र मोदी सरकार में देश के रक्षामंत्री रहे और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने सुशासन एवं राजनीतिक कौशल का हर किसी को लोहा मनवाया, गोवा की प्रचंड राजनीति में दिग्गजों को प्रभावहीन किया और कैंसर से लंबी जंग लड़ी। हफ्तेभर पहले ही उन्होंने एक कार्यक्रम में 'हाउज द जोश' बोलकर सबको उत्साह से भर दिया था। वे मृत्यु नहीं, बल्कि नियति के सामने बेबस हो गए और 'हाउज द जोश' कहते-कहते दुनिया से विदा ले ली। उनके निधन से हर कोई शोकमग्न है। मनोहर पर्रिकर 64 वर्ष के थे, आईआईटी मुंबई से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक थे। गोवा के मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को जन्मे मनोहर पर्रिकर की शिक्षा लोयोला स्कूल मडगांव में हुई। बेहद सादगी और ईमानदारी से भरी उनकी अनूठी जीवनशैली थी।
मनोहर पर्रिकर बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे और भारतीय जनता पार्टी के कोरग्रुप में भरोसेमंद नेता थे। उन्होंने उत्तरी गोवा के संघचालक का दायित्व निभाया, जिसके बाद उन्हें भाजपा का सदस्य बनने का मौका मिला। मनोहर पर्रिकर 1994 में गोवा की पणजी सीट से विधानसभा चुनाव लड़े, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की और गोवा की विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। गोवा में वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में भाजपा को सत्ता में आने का मौका मिला और वे राज्य के मुख्यमंत्री हुए। मनोहर पर्रिकर गोवा के 2005 के विधानसभा चुनाव में हारे तो 2012 में गोवा में फिर जीते और फिर से मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली और केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में वे रक्षामंत्री पद के लिए मोदी सरकार की पसंद बने। मनोहर पर्रिकर को कुछ समय बाद गोवा के अप्रत्याशित राजनीतिक संकट के समाधान के लिए गोवा वापस जाना पड़ा और उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद वहां की राजनीतिक स्थिति सामान्य हो गई। दुर्भाग्य से उनको कैंसर ने घेरा और उससे लंबे संघर्ष के चलते उन्होंने दुनिया से विदा ले ली।
मनोहर पर्रिकर का भारत के रक्षामंत्री के रूपमें ऐतिहासिक उपलब्धियों का कार्यकाल रहा। उन्होंने भारतीय सैनिकों की 40 साल पुरानी वन रैंक वन पेंशन की मांग को लागू किया। आतंकवादी हमले में जवानों की शहादत का पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकवादियों को ढेर करके पाकिस्तान से बदला लिया। भारत की प्रतिरक्षा के लिए राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में ही हरी झंडी मिली। मनोहर पर्रिकर में एक साल पहले एडवांस्ड स्टेज का पैंक्रियाटिक कैंसर सामने आया, जिसका इलाज करवाने के लिए वह अमेरिका भी गए थे। उन्होंने इसके बावजूद उसी ऊर्जा से अपना कामकाज जारी रखा। इस साल गोवा राज्य का बजट पेश किया और सरकार की हर बैठकों में भाग लिया एवं दौरे किए, जिससे उनकी कर्मठशीलता परिलक्षित होती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आदि ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर गहरा शोक जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए देश में उनके योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि मनोहर पर्रिकर एक अद्वितीय नेता, सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे, उन्हें सभी पसंद करते थे, राष्ट्र के प्रति उनकी महान सेवाओं को पीढ़ियों तक याद किया जाएगा, ऊँ शांति। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मनोहर पर्रिकर की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। मंत्रिमंडल ने दिल्ली और गोवा सहित सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की राजधानियों में एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने और राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाने को मंजूरी दी। मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कहा कि मनोहर पर्रिकर के निधन से देश ने एक अनुभवी और प्रतिष्ठित नेता खो दिया है, उन्हें इतिहास में जनसाधारण के मुख्यमंत्री के रूपमें भी जाना जाएगा। वर्ष 2001 में आईआईटी मुंबई से प्रतिष्ठित पूर्व छात्र सम्मान, 2018 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोवा से मानद डॉक्टरेट और 2018 में डॉ एसपी मुखर्जी सम्मान से सम्मानित मनोहर पर्रिकर के लिए नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने सरकार और समूचे राष्ट्र की ओर से हार्दिक संवेदना प्रकट की है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने पुराने सहयोगी और भारत के रक्षा मंत्री रहे एवं गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सांसद भी रहे हैं। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि देश का अभिमान थे मनोहर पर्रिकर। राम नाईक ने कहा कि मुंबई आईआईटी में पढ़े और राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के युवा कार्यकर्ता मनोहर पर्रिकर से पहली भेंट की छवि आज भी उनकी नज़रों के सामने है, देखते-देखते हम सहयोगी बने। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि जीवनभर सादगी से रहने वाले मनोहर पर्रिकर भारतीय जनता पार्टी गोवा को मजबूत करने वाले विधायक, विरोधी दल के नेता, सुशासन से कार्य करने के कारण देशभर में बहुत लोकप्रिय हुए। राम नाईक ने कहा कि मनोहर पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री से लेकर देश के रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी तक का कुशलता से निर्वहन किया, वे अपने भाजपा संगठन के लिए पलभर में सब छोड़कर गोवा लौट गए। उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर अलग ही सांचे में ढले थे, सुरक्षाकर्मियों के बिना ही स्कूटर से निकल जानेवाले मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर राज्य की जिम्मेदारी निभाने के वक्त पत्नी के निधन के बाद बेटे की पढ़ाई पर ध्यान देते एक आदर्श पिता भी थे, हाफ शर्ट पहनकर सेना का सक्षमता से नेतृत्व करने वाले सादगीपूर्ण रक्षामंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई, एक राजयोगी के रूप में यह देश उन्हें हमेशा याद रखेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि गोवा के मुख्यमंत्री और भारत के रक्षामंत्री के रूपमें उन्होंने अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर ने अपने व्यक्तित्व और कार्यों से सार्वजनिक जीवन में सादगी और दृढ़ता का उदाहरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोहर पर्रिकर बेहद लोकप्रिय और जनता से जुड़े रहने वाले राजनेता थे, उनके रक्षामंत्री रहते हुए भारतीय सेना ने कामयाब सर्जिकल स्ट्राइक कर अपने पराक्रम और शौर्य का परिचय दिया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मनोहर पर्रिकर के निधन से गोवा और देश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है, उनके कार्यों को देश और समाज सदैव याद रखेगा। मनोहर पर्रिकर के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के तमाम भाजपा के नेता और मंत्री शामिल हुए। उनकी शवयात्रा में ऐतिहासिक रूपसे जनसमूह मौजूद था। उनके बड़े बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी और वे पंचतत्व में विलीन हो गए।