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Tuesday 19 March 2019 02:09:46 PM
पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा विधानसभा के अध्यक्ष प्रमोद सावंत गोवा के मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। प्रमोद सावंत ने देर रात करीब 2 बजे गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। गोवा के राजनीतिक संकट को साधने के लिए गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के सुदीन धवलीकर को भी उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व के इस कदम से लगता है कि कल विधानसभा में सरकार का विश्वासमत हासिल हो जाएगा। गौरतलब है कि सरकार बनाने के बाद कल प्रमोद सावंत को विधानसभा फ्लोर पर बहुमत सिद्ध करना है। यह भी गौरतलब है कि एक विधायक के निधन और दूसरे विधायक के अलग होने के बाद कांग्रेस ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा के सामने सरकार बचाने की चुनौती आ गई थी।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जबतक पूरी तौरपर सक्रिय रहे तबतक कांग्रेस की गोवा में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं हो पाई, लेकिन कैंसर के कारण उनकी सक्रियता सीमित हो जाने से कांग्रेस ने गोवा में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ शुरु कर दी और तीन दिन पहले गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा के सामने यह कहकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया कि गोवा विधानसभा में वह सबसे बड़ा दल है और मनोहर पर्रिकर सरकार अल्पमत में है, लिहाजा उसे सरकार बनाने का आमंत्रण दिया जाए। मनोहर पर्रिकर का कल कैंसर से निधन हो गया और गोवा में यह प्रश्न खड़ा हो गया कि भाजपा किसी मुख्यमंत्री बनाए, ताकि कांग्रेस का दावा निष्फल हो जाए। देर रात निर्णय लिया गया कि विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत सबसे उपयुक्त रास्ता हैं और वे भी मनोहर पर्रिकर की तरह सहज और योग्य राजनेता हैं, उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया जाए और दो सहयोगी दलों के नेता उप मुख्यमंत्री बनाए जाएं।
प्रमोद सावंत को इस रणनीति के तहत आज देर रात गोवा के मुख्यमंत्री के रूपमें शपथ दिला दी गई और अब कल उन्हें गोवा विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत सिद्ध करना है। प्रमोद सावंत राज्य की सैंकलिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और पेशेगत रूपसे आयुर्वेद चिकित्सक हैं। कहा जाता है कि वे भी मनोहर पर्रिकर की जीवनशैली जैसे हैं। मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से ही माना जा रहा था कि विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री बनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गोवा की राजनीति को बहुत अच्छी तरह समझते हैं, क्योंकि वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मनोहर पर्रिकर और उनमें बहुत अच्छा व्यावहारिक तालमेल था और यह बात कुछ समय से भाजपा नेतृत्व के दिमाग में थी कि गोवा में एक दिन ऐसा आने वाला है, जब वहां के नए मुख्यमंत्री की तलाश करनी होगी। नितिन गडकरी तो मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर रात में ही पणजी पहुंच गए थे और उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ वहां की राजनीतिक जटिलता को भी संभाला। माना जा रहा है कि उनके दिए हुए सुझाव के बाद भाजपा हाईकमान ने गोवा के राजनीतिक समाधान को मानते हुए प्रमोद सावंत के बारे में फैसला लिया। यह कहा जाता है कि नितिन गडकरी के प्रयास से भाजपा की सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी भाजपा के प्रमोद सावंत के नाम पर सहमत हुई।
डॉ प्रमोद सावंत करीब 45 वर्ष के हैं। उनका पूरा नाम डॉ प्रमोद पांडुरंग सावंत है। प्रमोद सावंत आयुर्वेदिक चिकित्सा में महाराष्ट्र के कोल्हापुर की गंगा एजुकेशन सोसायटी से ग्रेजुएट हैं। उन्होंने पुणे की तिलक महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क में भी पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। डॉ प्रमोद सावंत एक किसान भी हैं और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति बहुत बड़े हिमायती हैं। डॉ प्रमोद सावंत की पत्नी सुलक्षणा केमिस्ट्री की शिक्षक हैं और बीकोलिम के श्री शांतादुर्गा हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाती हैं। सुलक्षणा सावंत भी भाजपा नेत्री हैं और भाजपा महिला मोर्चा गोवा की अध्यक्ष हैं। प्रमोद सावंत ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के धर्मेश प्रभुदास सगलानी को हराया था और इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के ही प्रताप गौंस को हराया था। मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद डॉ प्रमोद सावंत ने कहा है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, जिस वह अच्छी तरह से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सदैव मनोहर पर्रिकर के साथ काम करने का मौका अनुभव और आशीर्वाद मिला है। इस पूरे घटनाक्रम के पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कवलेकर 14 कांग्रेस विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन अब प्रमोद सावंत की सरकार बन गई है, जिसे कल बहुमत सिद्ध करना है।