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Tuesday 19 March 2013 08:29:57 AM
लखनऊ। भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण की वकालत करते हुए कहा है कि पिछड़े मुसलमानों का भी आरक्षण में उतना ही हक है, जितना अन्य पिछड़े वर्गों का। आंध्र प्रदेश में तीन वर्ष से आरक्षण मिल रहा है, लेकिन जब उत्तर प्रदेश में ये कोशिश की गई तो कुछ लोगों ने जिनके सियासी हित जुड़े थे, रोड़े अटकाए। उत्तर प्रदेश की 19 फीसद आबादी में से 11 फीसद पिछड़े मुस्लिम हैं, इसलिए 4.5 फीसद उनका आरक्षण में हक बनता है।
गन्ना संस्थान में आयोजित ‘12वीं पंचवर्षीय योजना में अल्पसंख्यक’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि सभी मुसलमानों को आरक्षण देने की बार-बार मांग की जाती है, लेकिन अभी तक किसी अदालत ने मुसलमानों को पिछड़ा नहीं माना है, सिर्फ सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र कमीशन ने मुसलमानों को पिछड़ा बताया है, आंध्र प्रदेश में भी मुसलमानों को जो आरक्षण मिल रहा है, वह उनकी 95 फीसद पिछड़ेपन की वजह से है, सभी मुसलमानों को उसी समय आरक्षण मिल सकता है, जब संविधान में संशोधन हो।
विदेश मंत्री ने देश की आर्थिक विकास दर पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारी विकास दर 8 फीसद थी और हमें आशा थी कि 10 फीसद का निशान पूरा कर लेंगे, लेकिन विश्व स्तर पर जो मंदी आई, उसने हमारी विकास दर को प्रभावित किया और हमारी विकास दर 5.5 पर पहुंच गई, इसके बावजूद अगले दो साल में 7 फीसद दर हासिल करने की उम्मीद है, जबकि 8 फीसद दर का निशान हासिल करना अनिवार्य है, ऐसा नहीं हुआ तो हमारी योजना अधूरी रह जाएंगी और हम पीछे चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने विभिन्न मदों से रकम काटी है, लेकिन अल्पसंख्यक बजट में कम नहीं की है, यदि इसका सही इस्तेमाल हुआ तो उसमें वृद्वि संभव है। उन्होंने मुसलमानों से कहा कि आपने इस देश पर शासन किया है, इसलिए आप नेतृत्व कर सकते हैं आप इस बात को दिमाग से निकाल दें कि आप खूंटे से बंधे हैं, बल्कि आपको खूंटा गाड़ना है।
मानव संसाधन विकास मंत्री एम पल्लम राजू ने शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) को एक अहम उपलब्धि बताते हुए कहा कि इसकी वजह से 96 फीसद बच्चे स्कूल जा रहे हैं, जबकि 100 फीसद की कोशिश हो रही है और ये सेकंडरी, हायर सेकंडी और हायर एजुकेशन सभी स्तर पर हो रहा है। उनका कहना था कि मिडडे मील के कारण सर्व शिक्षा अभियान सफल हुआ और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के तहत लड़कियों के हास्टल बनाए गए हैं। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग को ड्राप आऊट के बाद शिक्षा हासिल करने का माध्यम बताते हुए कहा कि ये अच्छी तरह काम कर रहा है और इसका जाल पूरे देश में फैला है। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रति चेतना पैदा करने पर जोर देते हुए कहा कि योजनाओं को क्रियांवित कराना हमारी प्राथमिकता है।
एसईई के चेयरमैन मोहम्मद फजलुर्रहीम मुजद्दिदी जयपुरी नदवी ने मुख्य भाषण में 12वें प्लान पर चर्चा करते हुए कहा कि ये प्लान उसी समय लाभदायक होगा जब नए एनजीओज़ बनेंगे और समाजी काम करने वाले आगे बढ़ेंगे, ठोस काम करने की जरूरत है, जब हम अपनी समस्याओं के लिए सक्रिय होंगे तभी सरकारी स्तर पर भी कामों को आगे बढ़ाया जाएगा और जवाबदेही की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने मुसलमानों के शैक्षिक पिछड़ेपन पर कहा कि जब कोई समूह समाजी दायदे से बाहर हो जाता है तो वह विकास से भी दूर हो जाता है, उसकी आमदनी खत्म हो जाती है, देश तरक्की करता है लेकिन वो देश के संसाधनों से पूरी तरह लाभांवित नहीं हो पाता।
उन्होंने नेशनल कमीशन फार माईनारिटी एजूकेशनल इंस्टीट्यूशन की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि 1947 में स्वाधीनता के समय देश के शिक्षा क्षेत्र में मुस्लिम लड़कियों का स्नातक स्तर पर ग्राफ 8.5 फीसद था, आज जब देश विकास के पथ पर अग्रसर तो ये दर घट कर 2.5 फीसद रह गई है। उन्होंने व्यवसायिक कोर्सों में छात्रवृत्ति में हो रहे भेद-भाव को उजागर करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक छात्र को एक लाख बीस हजार रूपए छात्रवृत्ति दी जाती है, जबकि एससी, एसटी को 9.5/10 लाख रूपए दी जाती है।
मौलाना ने देश में बाल मजदूरी के आकड़े पेश करते हुए कहा कि आज भी देश में 1.25 करोड़ बच्चे मजदूरी करते हैं, इसमें भी सबसे ज्यादा मुस्लिम बच्चे हैं, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बच्चा मजदूरी की दर और भी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और असम के हवाले से उन्होंने कहा कि यहां मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा अर्थात 53 फीसद है, लेकिन पुलिस में मुस्लिम नुमाइंदगी केवल 6 फीसद है, उन्हें हर जगह भेद-भाव का सामना करना पड़ता है। गुजरात जहां मुस्लिम आबादी 9 फीसद है, वहां 25 फीसद मुसलमान जेलों में बंद हैं, दिल्ली में 11 फीसद मुस्लिम आबादी है और 29 फीसद जेलों में बंद हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों की जो रिपोर्ट उनके पास मौजूद है अगर वह छाप देते तो सियासी भूचाल आ जाता, लेकिन मैं सियासी भूचाल नहीं चाहता, बल्कि बातचीत से मसले का हल चाहता हूं। देश की बीस फीसद मुस्लिम आबादी अगर शिक्षा से दूर हो जाएगी तो देश कैसे तरक्की करेगा? ये हमारे लिए विचारणीय है, इसलिए हमारी मांग है कि हमें हमारे ही इलाकों में 12वीं कलास तक की शिक्षा सुविधा मिलनी चाहिए।
योजना आयोग की सदस्य सईदा हमीद ने कहा कि योजना आयोग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना का जो एजंडा बनाया है, वो उसके विकास से जुड़ा है और पहली बार इसमें रोड मैप शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्लान का एक भाग मुसलमानों पर भी फोकस है और हमारी कोशिश होगी कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतिम वर्ष यानी 2017 तक शिक्षा में मुसलमानों और अन्य समूह में जो दूरी है, उसको कम किया जा सके। इस मौके पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार ने जितना पैसा 9 साल में अल्पसंख्यकों के लिए दिया है, उतना किसी और सरकार ने नहीं दिया है।
इंटीग्रल यूनिर्वसिटी के चांसलर मौलाना सईदुर्रहमान आज़मी नदवी ने कहा कि हमारे अंदर लेने के बजाये देने की भावना पैदा होनी चाहिए, हमें इंसाफ जरूर चाहिए, क्योंकि अगर इंसाफ होगा तो ये देश दुनिया के लिए एक नमूना बन सकता है और तमाम मसाएल हल हो सकते हैं। मोमिन कांफ्रेंस के महासचिव अखतर हुसैन अखतर ने कहा कि एमसीडी के तहत उत्तर प्रदेश में 54 जिले आते हैं, जिनमें हुकुमत की योजनाओं को क्रियांवित किया जाना है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को युनाइटेड मुस्लिम ऑरगनाइज़ेशन के सचिव मोहम्मद खालिद ने हज से संबंधित एक मांग पत्र दिया, जिसमें मांग की गई कि जिंदगी में एक बार हज का कानून खत्म किया जाए और एयर लाइन के लिए ओपन टेंडर किए जाएं।