स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 9 April 2019 02:34:18 PM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक, वेब और प्रिंट मीडिया को लोकसभा का स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए धारा 126ए के तहत वर्जित अवधि के दौरान परिणामों के बारे में किसी भी रूप में भविष्यवाणी करने या प्रसारण और प्रकाशन कार्यक्रमों से परहेज रखने की एडवाइजरी जारी की है। निर्वाचन आयोग का मत है कि ज्योतिषियों, टैरो रीडर्स, राजनीतिक विश्लेषकों और किन्हीं अन्य व्यक्तियों द्वारा किसी भी रूप में, किसी भी तरीके से वर्जित अवधि के दौरान चुनावों के परिणामों की भविष्यवाणी करना धारा 126ए की भावना का उल्लंघन है। इस कानून का उद्देश्य ऐसी भविष्यवाणियों से विभिन्न राजनीतिक दलों की संभावनाओं के बारे में निर्वाचन क्षेत्रों में चल रहे मतदान में मतदाताओं को प्रभावित होने से रोकना है।
निर्वाचन आयोग ने सभी मीडिया को सलाह दी है कि वह लोकसभा के चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा तथा सिक्किम विधानसभाओं के चुनाव और कई राज्यों में हो रहे उपचुनावों में वर्जित अवधि के दौरान अर्थात 11 अप्रैल 2019 गुरुवार को सुबह 7 बजे से 19 मई 2019 को शाम 6.30 बजे तकचुनाव परिणामों के संबंध में ऐसे किसी भी लेख या कार्यक्रम को प्रकाशित और प्रचारित ना करे। गौरतलब है कि ऐसा देखा गया है कि मीडिया में कुछ संस्थान और कुछ लोग किसी राजनीतिक दल और प्रत्याशी के पक्ष में अभियान चलाते हैं, जिसकी चुनाव आयोग से लेकर कोर्ट तक में शिकायत की जाती रही है और कतिपय मामलों में शिकायतें सही पाई गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग पहले भी यह एडवायजरी जारी करता रहा है, जोकि निष्पक्ष और दबाव रहित मतदान के लिए आवश्यक समझी जाती है।