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Friday 12 April 2019 12:17:25 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा के नेतृत्व में मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, वित्त आयोग के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आयोग के बेहतर समावेशी विकास, इक्विटी, दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय की योजनाओं के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बदलती संरचना, ग्राम पंचायत नेतृत्व, डाटा संचालित और जवाबदेह विकास दृष्टिकोण, बेहतर परिणामों के लिए शासन सुधार तथा ग्रामीण विकास के लिए अन्य विशिष्ट प्रस्ताव पर जोर दिया गया।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कुछ विषयों पर ग्रामीण भारत के लिए अतिरिक्त संसाधनों के लिए एक मुद्दा बनाया है, जिसमें राज्य के हिस्से में बढ़ोतरी-पीएमजीएसवाई, पीएमएवाई (जी), अधिक बजटीय उधार राशि-पीएमएवाई ग्रामीण, वित्त आयोग हस्तांतरण, स्वयं सहायता समूहों के ऋणों में 81,077 करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी, आजीविका पर जोर देते हुए आय में बढ़ोतरी-कृषि तालाब, कुएं, पशुओं के शेड/ संसाधन, शासन सुधारों के कारण अधिक प्रभावी हस्तांतरण-आईटी या प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण गड़बड़ी रोकना, सड़कों के रखरखाव, कुछ योजनाओं का हस्तांतरण और मानव संसाधन सुधार जैसे ग्रामीण विकास के अन्य विशेष प्रस्ताव प्रस्तुति में सरकार के सुधारों के साथ कुशल पंचायत विकास के मुद्दे को भी शामिल किया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की निधि हस्तांतरण के लिए आवश्यक पूर्व शर्त के रूपमें शासन सुधार और कुशल ग्राम पंचायत विकास योजनाएं, पंचायतों में महिला स्वयं सहायता समूहों का क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी का उपयोग, डाटा संचालित वित्तीय प्रबंधन सुधार और आवश्यक शर्तों के रूपमें जिओ-टैगिंग, सिफारिशों के हिस्से के रूपमें व्यापक मानव संसाधन, सड़क के रखरखाव के लिए निर्धारण, राज्यों को डीआरडीएस हस्तांतरित करना आदि। वित्त आयोग अब सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए मंत्रालय के इन सभी मुद्दों के बारे में विचार-विमर्श करेगा।