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Monday 15 April 2019 02:42:14 PM
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना में डिस्टिंगुइश्ड फ्लाइंग क्रॉस के मार्शल अर्जन सिंह की 100वीं जयंती पर 14 अप्रैल को दिल्ली में अर्ध मैराथन का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य देशभर में विख्यात एमआईएएफ की उपलब्धियों का प्रसार करना और भारतीय वायुसेना के वायु योद्धाओं के बीच भ्रातृत्व एवं साहस की भावना का संचार करना है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायुसेना के सभी केंद्रों एवं इकाईयों के वायु योद्धाओं ने अर्ध मैराथन में बढ़चढ़कर भाग लिया। एयर मार्शल आर नाम्बियार और बार एडीसी पश्चिमी हवाई कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से झंडी दिखाकर मैराथन का शुभारंभ किया। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा अर्ध मैराथन में मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल हुए और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना ने एक ही साथ देशभर में अर्ध मैराथन का आयोजन करके क्रीड़ा गतिविधियों में एक मील का पत्थर अर्जित किया है।
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने कहा कि मार्शल अर्जन सिंह वायु योद्धाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि वे एक कुशल खिलाड़ी थे और अर्ध मैराथन का आयोजन इस ऐतिहासिक पुरुष को देश के प्रति उनके योगदान को देखते हुए हमारी तरफ से कृतज्ञता एवं श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक अनुकरणीय प्रयास है। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि यह कार्यक्रम खेलों को बढ़ावा देने तथा हमारे योद्धाओं को फिटनेस के उच्च मानकों को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि वह मार्शल अर्जन सिंह की जन्मशताब्दी पर होनेवाली हॉकी प्रतियोगिता की भी प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसका आयोजन चंडीगढ़ में किया जाएगा। गौरतलब है कि मार्शल अर्जन सिंह भारतीय वायुसेना के पहले और एकमात्र पंच सितारा रैंक के अधिकारी थे। हॉकी के लिए उनका प्रेम अप्रतिम था।
भारतीय वायुसेना के इतिहास पुरुष से विख्यात मार्शल अर्जन सिंह हमेशा ही न केवल युद्ध के मोर्चे पर, बल्कि खेलों के क्षेत्रों में भी नेतृत्व करने वाले वायु योद्धाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। मार्शल अर्जन सिंह की जन्मशती मनाने के लिए 10 हजार से अधिक वायु योद्धाओं ने 100 वायुसेना केंद्रों तक 2.1 लाख किलोमीटर की दूरी तय की। अर्ध मैराथन में 2228 स्क्वाड्रन के अग्रणी एयरक्राफ्ट्समैन मनोहर, 13 बेस रिपेयर डिपो के डिफेंस सिक्यूरिटी कॉर्प्स के सिपाही एस राजू एवं पश्चिमी वायुकमान के डीएससी के लांसनायक रतन सिंह ने विभिन्न वर्गों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।