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वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव स्थगित

आयकर विभाग के छापों के कारण चुनाव आयोग का निर्णय

मतदाताओं केलिए रखे गए 11.48 करोड़ रुपये की बरामदगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 18 April 2019 06:38:17 PM

election commission of india

नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने 14 अप्रैल की कार्रवाई के अंतर्गत तमिलनाडु में वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव स्थगित करने की सिफारिश की थी। राष्ट्रपति ने इस संबंध में निर्वाचन आयोग की सिफारिश को स्वीकार करते हुए 19 मार्च 2019 को वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा के लिए नए सदस्य को चुनने संबधी अधिसूचना को आंशिक रूपसे निरस्त करने की घोषणा कर दी है। निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान व्यवस्थित रूपसे मतदाताओं को प्रभावित करने का पता लगने के बाद लिया था। पांच अप्रैल 2019 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में डीजीआईटी बी मुरली कुमार ने 29 और 30 मार्च 2019 को डीएमके पार्टी के कोषाध्यक्ष और विधायक दुरई मुरुगन और दुरई मुरुगन के पुत्र और वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार कथिर आनंद के आवास और दुरई मुरूगन शैक्षणिक न्यास द्वारा संचालित किंगस्टन मेडिकल कालेज में छापों के दौरान जांच और जब्ती कार्रवाई की जानकारी दी थी।
जांच दल ने पाया था कि छापों से पहले परिसर की तलाशी ली गई थी और कई समान हटा दिए गए थे। इनमें सीसीटीवी की नियंत्रण इकाई और कंप्यूटर की हार्ड डिस्क शामिल थीं। इस दौरान सावधानी से की गई निगरानी से इस बात का भी पता चला कि जब जांच दल को कालेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, तब भारी मात्रा में नकदी और अन्य आपत्तिजनक सामान कालेज परिसर से दूसरे स्थान पर भेजा गया। इसके पश्चात डीजीआई की निगरानी रिपोर्ट के आधार पर उम्मीदवार कथिर आनंद और उनके रिश्तदारों के परिसरों की पहचान की गई और 1 अप्रैल 2019 को डीएमके पदाधिकारी श्रीनिवासन के साले दामोदरन के निवास पर आयकर विभाग ने ताजा छापेमारी की। आयकर छापों के दौरान कुल 11.48 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। इसमें से अधिकतर को प्लास्टिक पैकेट में वार्डों के विवरण सहित रखा गया था।
इसके साथ ही दामोदरन के निवास से प्रयोग न किए गए लेबल, वार्ड में मतदाताओं का विवरण और किंगस्टन इंजीनियरिंग कालेज से जुड़े दस्तावेज़ बरामद किए गए। श्रीनिवासन ने इन 11.48 करोड़ रुपये का स्वामित्व स्वीकार करते हुए आयकर अधिनियम की धारा के अंतर्गत दर्ज बयान में कहा है कि यह रकम डीएमके उम्मीदवार के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए थी। श्रीनिवासन के पास इस आय के स्रोत का कोई विवरण न होने और डीएमके उम्मीदवार के परिवार द्वारा संचालित संस्थान के जुड़े दस्तावेजों की बरामदगी से उम्मीदवार और जब्त रकम के बीच सांठगांठ का खुलासा हुआ था। इस संबंध में विशेष व्यय पर्यवेक्षक मधु महाजन ने 8 अप्रैल को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सूचित किया था कि जांच से मतदाताओं को प्रलोभन देकर प्रभावित करने के व्यवस्थित योजना का खुलासा हुआ है।
तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 12 मार्च 2019 को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि 11.48 करोड़ रुपये नकदी की बरामदगी और प्रस्तावित विधानसभा खंड के विवरण, वार्ड और बूथ संबधी धन के वितरण से जुड़े कंप्यूटर प्रिंटआउट से जुडे सबूत वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में बड़े स्तर पर मतदाताओ को प्रभावित करने की ओर इशारा करते हैं। मतदाताओं को प्रभावित करने के इस व्यवस्थित प्रक्रिया ने मतदान प्रक्रिया को प्रभावित किया है और वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में इस समय स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए परिस्थिति अनुकूल नहीं हैं। विशेष व्यय पर्यवेक्षक के अनुसार यह स्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उपयुक्त नहीं थी। इसलिए राष्ट्रपति ने वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव अधिसूचना को आंशिक रूपसे निरस्त करने की घोषणा की है।

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