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Thursday 2 May 2019 02:35:32 PM
नई दिल्ली। भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 9 से 16 जुलाई के बीच किया जाएगा, जिसके के सभी माड्यूल तैयार किए जा रहे हैं। चंद्रयान-2 के 6 सितंबर 2019 को चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना बताई जा रही है। चंद्र अभियान के आर्बिटर, लैंडर यानी विक्रम और रोवर यानी प्रज्ञान तीन माड्यूल हैं। ऑर्बिटर और लैंडर मॉड्यूल को यंत्रवत रूपसे मिलाकर एक एकीकृत मॉड्यूल के रूपमें साथ जोड़ा जाएगा और इसके बाद जीएसएलवी एमके-3 प्रेक्षपणयान के अंदर समायोजित कर दिया जाएगा। रोवर को लैंडर के अंदर रखा गया है।
चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके-3 प्रक्षेपणयान से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए जाने के बाद एकीकृत मॉड्यूल प्रणोदक मॉड्यूल की मदद से चंद्रमा की कक्षा में पहुंच जाएगा। इसके बाद लैंडर आर्बिटर से अलग होकर चंद्रमा के दक्षिणी सिरे में पूर्व निर्धारित स्थल पर धीरे से उतर जाएगा। चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर वहां वैज्ञानिक प्रयोग शुरू कर देगा। इसके लिए लैंडर और आर्बिटर में सभी तरह के वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं।