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Monday 13 May 2019 01:04:24 PM
नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग के चुनाव आगंतुक कार्यक्रम के हिस्से के रूपमें विश्वभर के 20 चुनाव प्रबंधन निकायों के 65 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने 17वें लोकसभा चुनाव का अवलोकन किया। विश्व के 20 प्रमुख देशों ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, फिजी, जॉर्जिया, केन्या, कोरिया गणराज्य, किर्गिस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, म्यांमार, रोमानिया, रूस, श्रीलंका, सूरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, जिम्बाब्वे और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुख और प्रतिनिधि आम चुनावों के अवलोकन के लिए राजधानी दिल्ली आए थे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इन प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग की निर्वाचन प्रक्रियाओं और निर्वाचन प्रबंध की विश्व प्रसिद्ध विशेषताओं का वर्णन किया। उन्होंने इस अवसर पर भारतीय गणतंत्र के प्रख्यापन से एक दिन पहले भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना करने की भारतीय संविधान के जनकों की दूरदर्शिता और विज़न की भी सराहना की। उन्होंने भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 को उद्धृत करते हुए दोहराया कि भारत निर्वाचन आयोग देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और मजबूत चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सदैव से ही दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग कभी भी संशयवादियों और आलोचकों से भयभीत नहीं हुआ है और यह हमेशा हमारे दूरदर्शी जनकों के भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों और आदर्शों के अनुसार कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग का उद्देश्य और प्रयोजन हमेशा भविष्य के लिए आवश्यक सुधार के साथ अतीत के अनुभवों से सीखते रहने का है। उन्होंने चुनाव कवरेज के हाल के चरणों का उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया को और अधिक मजबूत, नैतिक, समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाने के लिए और भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने घोषणा की कि राज्यों, दस्तावेज़ मुद्दों और सामना की गई चुनौतियों से सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों का अध्ययन करने, इन चुनावों से प्राप्त सबक को मजबूत करने के लिए प्रक्रियात्मक उपायों में और बेहतरी लाने तथा महत्वपूर्ण अंतरालों की पहचान करने के लिए समितियों का गठन किया जाएगा। सुनील अरोड़ा ने हाल ही में की गई आईटी पहलों और विशेष रूपसे ईसीआई के सी-विजिल ऐप्लिकेशन की प्रभावशीलता पर भी प्रकाश डाला, जिसने एमसीसी के उल्लंघन के मामलों की रिपोर्टिंग में नागरिकों को पूरी तरह से सशक्त बनाया है और समस्त चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव को सुचारू रूपसे संचालित करने की राह में आई विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में भारत निर्वाचन आयोग की पूरी टीम की भूमिका की सराहना करते हुए सुनील अरोड़ा ने एस्प्रिट डे कॉर्प्स के एक संकेत के रूपमें मुख्यालय में विभिन्न प्रभागों के ईसीआई टीम के नेताओं का परिचय कराया। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने स्मरण दिलाया कि भारत 1950 से निर्वाचन की एक लंबी यात्रा तय कर चुका है, जब विश्व को विघटित भारत द्वारा लोकतंत्र को संभाल पाने में सक्षम होने पर संशय था। उन्होंने बताया कि यह सफलता भारतीय संविधान के जनकों के लिए एक श्रद्धांजलि है कि मतदान करने का सार्वभौमिक अधिकार पहले दिन से ही प्रदान कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि हमें इस बात से खुशी मिलती है कि 1952 के पहले चुनाव से जब मात्र 170 मिलियन मतदाता थे, जो 2 लाख मतदान केंद्रों में विस्तारित थे, तबसे लेकर भारतीय चुनावों की प्रतिभागिता अब 910 मिलियन से अधिक मतदाताओं तक हो गई है, जिनके लिए भारत निर्वाचन आयोग तंत्र 10 लाख से अधिक मतदान केंद्रों का संचालन करता है। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की प्रौद्योगिकी के अनुसरण एवं अनुकूलन ने बड़े पैमाने पर इस चुनावी प्रक्रिया को प्रबंधित करने में मदद की है, जिससे यह दुनिया में सबसे बड़ी चुनाव प्रबंधन प्रक्रिया बन गई है।
निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव आगंतुकों के कार्यक्रम के प्रतिभागियों को भारत निर्वाचन आयोग के स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम की राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ-साथ 17वीं लोकसभा के लिए देश के 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में आम चुनाव के लिए निर्धारित व्यापक तैयारियों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि चुनाव में धनशक्ति का दुरुपयोग दुनियाभर में स्थापित और उभरते लोकतंत्रों दोनों के सामने व्यापक रूप से प्रचलित सबसे बड़ी चुनौती है, इसीके अनुरूप भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव व्यय निगरानी तंत्र के प्रभावी कार्यांवयन की व्यापक व्यवस्था की है। उन्होंने आगंतुक प्रतिनिधियों को सूचित किया कि विशाल चुनावी प्रक्रिया पर पैनी नज़र रखने के लिए सूक्ष्म पर्यवेक्षकों के रूपमें भी सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती चुनावी प्रक्रिया की गरिमा और पवित्रता सुनिश्चित करती है। चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने विदेशी प्रतिनिधियों को भारत चुनाव आयोग की भूमिका और जिम्मेदारियों से अवगत कराने एवं दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावों की योजना बनाने और उन्हें प्रबंधित करने की राह में आने वाली विभिन्न चुनौतियों को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी।
भारत में चुनाव का संचालन परिमाण और जटिलता के लिहाज से एक विशाल प्रक्रिया है। छठे चरण के चुनाव की पूर्व संध्या पर 11 मई 2019 को प्रतिनिधियों ने दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक, पश्चिमी दिल्ली और गुड़गांव संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया और चुनाव तैयारियों की गतिविधियों की झलक देखी, ताकि पोलिंग पार्टियों को भेजा जा सके और बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक्स व्यवस्था की जा सके एवं एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और समारोहपूर्ण चुनाव सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने डीईओ/ आरओ की अध्यक्षता में जिलास्तरीय पोल मशीनरी के साथ परस्पर बातचीत की। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने द्वारका में भारत निर्वाचन आयोग के नए प्रशिक्षण और अनुसंधान परिसर भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र संस्थान और चुनाव प्रबंधन का दौरा किया, जो एक बार में 900 कर्मियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता रखता है। यह अत्याधुनिक परिसर भारत निर्वाचन आयोग के कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मेजबानी करता है। प्रतिनिधिगण भारत में होने वाले चुनावी कार्यक्रमों के संपूर्ण फलक को समझने के लिए बहुत उत्सुक थे। उन्होंने 12 मई को द्वारका के विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुबह-सुबह कृत्रिम मतदान का आयोजन देखा। उन्होंने मतदान अधिकारियों के साथ बातचीत की और उन प्रक्रियाओं को समझा जो हमारे चुनावों को इतना विश्वसनीय और पारदर्शी बनाती हैं।
विदेशी प्रतिनिधियों ने मतदान के दौरान मतदान की प्रक्रिया और मतदान से जुड़े उत्सवनुमा माहौल को देखने के लिए दिनभर उत्तरी पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक दक्षिणी दिल्ली और गुड़गांव में विभिन्न मतदान केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने कुछ ऐसे मतदान केंद्रों का भी दौरा किया जो पूरी तरह से महिला मतदान कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित होते हैं, साथ ही मतदाताओं के लिए सर्वोत्तम सुविधाओं वाले कुछ मतदान केंद्रों का भी अवलोकन किया। प्रतिनिधियों ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बातचीत की, ताकि राज्यस्तर से चुनावों पर परिप्रेक्ष्य मिल सके। उन्होंने सीईओ कार्यालय दिल्ली में चुनाव संग्रहालय का भी दौरा किया। मतदान का समापन और मशीनों की सीलिंग से जुड़ा प्रोटोकॉल एक अन्य पहलू है, जिसका अनुभव प्रतिनिधियों ने मतदान के दौरान प्राप्त किया। प्रतिनिधिमंडल में म्यांमार के चुनाव आयोग के 6 सदस्यों और 9 वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों की एक टीम भी शामिल है, जो विदेश मंत्रालय के प्रायोजन के तहत भारत के अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम के एक हिस्से के रूपमें भारत के दौरे कर रही है।
राजनीतिक पार्टी पंजीकरण, चुनाव आयोग का अग्रिम प्रशिक्षण और अनुसंधान विंग इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट, निर्वाचक नामावली और आईटी पहल की तैयारी, इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनें और वीवीपीएटी, मीडिया और सोशल मीडिया के साथ संवाद, चुनाव कानून और संबंधित मामले के बारे में प्रस्तुतिकरण दिए गए। इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग की त्रैमासिक पत्रिका माई वोट मैटर्स के दूसरे अंक का भी विमोचन किया गया। यह पत्रिका वर्तमान चुनावों के लिए विभिन्न राज्यों में प्रारंभिक पहल की एक व्यापक झलक प्रस्तुत करती है। पत्रिका का प्रथम अंक मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी 2019 को भेंट किया था। उपचुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि ये यात्राएं उन्हें चुनाव प्रबंधन निकायों के बीच अनुभव साझा करने और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान का एक अच्छा अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने मतदाता शिक्षा और जागरुकता के लिए अपने प्रमुख कार्यक्रम एसवीईईपी के तहत चुनावी योजना, सुरक्षा प्रबंधन और आयोग द्वारा की गई पहलों का भी विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर के सभी ईएमबी को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने की जरूरत है।