स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 14 May 2019 01:32:37 PM
नई दिल्ली। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान पुणे को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है, जिसमें एफटीआईआई के पांच पाठ्यक्रमों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने नवगठित व्यावहारिक कला और शिल्प श्रेणी में मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे भारत का यह प्रमुख फिल्म संस्थान देश का पहला और एकमात्र अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त संस्थान बन गया है। एआईसीटीई ने नवगठित व्यावहारिक कला, शिल्प और डिजाइन श्रेणी के लिए 11 मई 2019 को संस्थानों और अनुमोदित पाठ्यक्रमों की सूची जारी की थी, जिसमें एफटीआईआई और इसके पांच एक वर्षीय पोस्टग्रेज्युट सार्टिफिकेट पाठ्यक्रम शामिल हैं।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त इन पांच पाठ्यक्रमों में चार टेलीविजन निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक सिनेमेटोग्राफी, वीडियो एडिटिंग और साउंड रिकॉर्डिंग तथा एक फीचर फिल्म पटकथा लेखन से संबंधित हैं। एफटीआईआई गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन विजेंद्रपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि एफटीआईआई के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो संस्थान को सभी पांच पीजी सार्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई की मंजूरी मिली है, इससे एफटीआईआई भारत का पहला मान्यता प्राप्त फिल्म संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में एफटीआईआई के टेलीविजन पाठ्यक्रम देशभर में चर्चित रहे हैं, क्योंकि इन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त किए हैं।
चेयरमैन विजेंद्रपाल सिंह ने कहा कि एआईसीटीई की मंजूरी से टेलीविजन पाठ्यक्रमों के मूल्य में बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह फिल्म निर्माण के पाठ्यक्रमों के समान ही आकर्षक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि एफटीआईआई के पटकथा लेखक, मनोरंजन उद्योग में पहले से ही ख्याति अर्जित कर रहे हैं और इससे एआईसीटीई की मंजूरी से 2019-20 शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों को लाभ होगा। गौरतलब है कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने जनवरी 2017 में एफटीआईआई के छह पीजी डिप्लोमा फिल्म पाठ्यक्रमों को स्नातकोत्तर डिग्री की मान्यता दी थी, इसके साथ एफटीआईआई के सभी 11 पाठ्यक्रमों को या तो एआईयू या एआईसीटीई ने मान्यता प्रदान की है।