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देश में जून से 7वीं आर्थिक जनगणना शुरु

प्रशिक्षकों के लिए एकीकृत प्रशिक्षण रणनीति तैयार

विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की राष्‍ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 15 May 2019 03:08:59 PM

7th economic census, a national training workshop

नई दिल्ली। भारत में सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय ने नई दिल्‍ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के लिए राष्‍ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्‍य 7वीं आर्थिक जनगणना में भाग लेने वाले विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना था। कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रमुख सिद्धांतों, परिभाषाओं, प्रक्रियाओं, डिजिटल प्‍लेटफार्म और संगणन के लिए उपयोग किए जाने वाले अनुप्रयोग डेटा संग्रह और पर्यवेक्षण आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय के सचिव, महानिदेशक, मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, जनसेवा केंद्र विशेष उद्देश्‍य के लिए बनी कंपनी के प्रतिनिधि, मंत्रालय, राज्‍य सरकार और सीएससी-एसपीवी के वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सातवीं आर्थिक जनगणना 2019 का संचालन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत देश के सभी प्रतिष्‍ठानों के विभिन्‍न संचालन एवं संरचनात्‍मक आयामों पर आधारित विभिन्‍न मदों से संबंधित सूचनाओं का संग्रह किया जाएगा। आर्थिक जनगणना के प्रशिक्षकों के लिए एकीकृत प्रशिक्षण रणनीति विकसित की गई है। दिल्‍ली में हुई प्रशिक्षण कार्यशाला के पश्‍चात पूरे देश में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मई और जून 2019 के दौरान राज्‍य और जिलास्‍तर की 6000 प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय ने जनसेवा केंद्रों और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता किया है। भारत के मुख्य सांख्यिकीविद् और सचिव सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय प्रवीण श्रीवास्तव ने 7वीं आर्थिक जनगणना कार्यशाला में मुख्य भाषण दिया।
सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विशेष उद्देश्‍य के लिए बनी कंपनी है। डेटा संग्रह, प्रमाणित करने, रिपोर्ट बनाने और डेटा प्रसार के लिए आईटी आधारित डिजिटल प्‍लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा। सातवीं आर्थिक जनगणना का कार्य जून 2019 से प्रारंभ होगा। डेटा संग्रह के सत्‍यापन और प्रमाणन के पश्‍चात इस गणना के परिणाम उपलब्‍ध करा दिए जाएंगे। अभी तक छह आर्थिक जनगणना हो चुकी हैं। पहली आर्थिक जनगणना 1977 में, जबकि छठी आर्थिक जनगणना 2013 में हुई थी।

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