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सेल और आरआईएनएल के विस्तार की बड़ी योजना

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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के इस्‍पात उपक्रम स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) और राष्‍ट्रीय इस्‍पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) ने कच्‍चे इस्‍पात की क्षमता में क्रमश: 12.84 मिलियन टन प्रति वर्ष से 21.40 मिलियन टन प्रतिवर्ष और 2.9 मिलियन टन प्रति वर्ष से 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष तक बढ़ोतरी के लिए भिलाई, बोकारो, राउरकेला, दुर्गापुर, आईएसपी, बर्नपुर और सेल के सालेन में विशेष स्‍टील संयंत्र और आंध्र प्रदेश में आरआईएनएल के विजाग इस्‍पात संयंत्र की नवीनीकरण और विस्‍तारण की योजना बनाई है। इसके साथ एनएमडीसी लिमिटेड भी छत्‍तीसगढ़ नागारनल में 3 मिलियन टन प्रति वर्ष की समेकित इस्‍पात संयंत्र को लागू करने की योजना बना रही है।

इस्पात मंत्रालय के अनुसार इस्‍पात गलाने के लिए एक लाख 25 हजार टन सालाना की ब्‍लूम केस्‍टर को अक्‍तूबर 2009 में लगभग 77 करोड़ रूपये के निवेश के साथ सेल की विश्‍वेश्वरैया लौह एवं इस्‍पात संयंत्र (वीआईएसपी), भद्रावती लागू कर चुकी है। एनएमडीसी लिमिटेड की कर्नाटक के बेल्‍लारी जिले में दो चरणों में 5 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले समेकित इस्‍पात संयंत्र की स्‍थापना की योजना है। केआईओसीएल लिमिटेड ने कर्नाटक में 1.5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले समेकित इस्‍पात संयंत्र को संयुक्‍त रूप से स्‍थापित करने का फैसला किया है। एनएमडीसी लिमिटेड ने कर्नाटक के बेल्‍लारी जिले में पांच मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता के समेकित इस्‍पात संयंत्र की स्‍थापना के लिए अब तक 5.2 लाख रूपये की राशि खर्च की है।

इस्‍पात का घरेलू उत्‍पादन और आयात, देश में इस्‍पात की वर्तमान जरूरतों को पूरा करता है। इस्‍पात की खपत परिष्‍कृत इस्‍पात पर निर्भर करती है न कि कच्‍चे इस्‍पात पर। इस्‍पात एक नियंत्रण मुक्‍त क्षेत्र है और उद्यमी अपने व्‍यवसायिक निर्णय के आधार पर अपनी इस्‍पात परियोजनाओं में क्षमता बढ़ोतरी और कीमत निर्धारण करने के लिए स्‍वतंत्र हैं। इस्‍पात मंत्रालय के तहत निजी क्षेत्र के कुछ इस्‍पात उपक्रमों ने अपनी इस्‍पात उत्‍पादन क्षमता में बढ़ोतरी के लिए निवेश करने की योजना बनाई है। स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के निवेश की अनुमानित राशि लगभग 70 हजार करोड़ और राष्‍ट्रीय इस्‍पात लिमिटेड (आरआईएनएल) की लगभग 12 हजार 228 करोड़ रूपये है। एनएमडीसी लिमिटेड की भी एक समेकित इस्‍पात संयंत्र की स्‍थापना के लिए 15 हजार पांच सौ 25 करोड़ रूपये की निवेश की योजना है।

इस्‍पात का क्षेत्र नियंत्रण मुक्‍त होने के कारण सरकार इसकी क्षमता में बढ़ोतरी के लिए सुविधा उपलब्‍ध कराती है। कच्‍चे इस्‍पात की क्षमता में 12.84 मिलियन टन से 21.4 मिलियन टन बढ़ाने की सेल की योजना है। इसी प्रकार आरआईएनएल की कच्‍चे इस्पात की क्षमता 2.9 मिलियन टन से 6.3 मिलियन टन करने की योजना है। निजी क्षेत्र में भी क्षमता बढ़ोतरी की योजनाएं जारी हैं।

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