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तूतीकोरिन पोर्ट अब वीओ चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्‍ट

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तूतीकोरिन पोर्ट-tuticorin port

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्‍ट का नाम बदलकर वीओ चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्‍ट करने का प्रस्‍ताव मंजूर कर लिया है। भारत में बंदरगाहों के नाम सामान्‍यत: उस शहर के नाम पर होते हैं, जहां ये बंदरगाह स्थित होते हैं। हालांकि, अतीत में विशेष परिस्थिति के रूप में महान नेताओं के नाम पर कुछ बंदरगाहों के नाम रखे गए हैं। तमिलनाडु के विभिन्‍न हिस्‍सों से तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्‍ट का नाम वीओ चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्‍ट करने की मांग लगातार उठती रही है। वीओ चिदंबरनार पिल्‍लई (5 सितंबर, 1872-18 नवंबर 1936) तूतीकोरिन के निकट ओट्टापिडारम से थे। स्‍वदेशी आंदोलन के हिस्‍से के रूप में उन्‍होंने ‘द स्‍वदेशी स्‍टीम नैविगेशन कंपनी’ शुरू की। उन्‍होंने दो जहाज खरीदे और 1906 में तूतीकोरिन और कोलंबो के बीच पहली स्‍वदेशी भारतीय नौवहन सेवा की शुरुआत की। वह तमिल के प्रकांड विद्वान, सफल लेखक, जोशीले वक्‍ता, श्रमिक संघ के असरदार नेता और निडर स्‍वतंत्रता सेनानी थे। इनके नाम पर तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्‍ट बंदरगाह का नाम रखकर कृतज्ञ राष्‍ट्र इस महान स्‍वतंत्रता सेनानी को स्‍वतंत्रता संघर्ष में उनके योगदान को याद करेगा।

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