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नई दिल्ली। केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एस जयपाल रेड्डी और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने एमओपीएनजी के वरिष्ठ अधिकारियों और तेल विपणन कम्पनियों आईओसी, बीपीसी और एचपीसीआई के साथ मिलकर पेट्रोलियम उत्पादों और रियायती ऑटो ईंधन में मिलावट के मामलों की गहन समीक्षा की। ये समीक्षा मालेगांव (महाराष्ट्र) के अतिरिक्त कलेक्टर यशवंत सोनावणे की हत्या के मद्देनजर की गई, जोकि पेट्रोलियम उत्पादों की चोरी रोकने के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मारे गए। पेट्रोलियम मंत्री ने हत्या की घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसकी कड़ी निन्दा की और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए तेल विपणन कम्पनियों की ओर से उनके परिवार को 25 लाख रुपए की अनुग्रह राशि राहत के रूप में देने की घोषणा की।
पेट्रोलियम मंत्री ने मिलावट के बढ़ते खतरे पर चिन्ता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि स्थिति से निपटने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाए जाएं। वर्ष 2007-08 की अवधि के दौरान एक मार्कर कार्यक्रम लागू किया गया था, जो ऑटो ईंधन में मिलावट को पकड़ने में खास महत्वपूर्ण साबित हुआ था। तेल विपणन कम्पनियों ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को पिछले अनुभवों से प्राप्त सुधार के विनिर्देशों के जरिए जून 2011 तक पीडीएस केरोसिन के मार्कर कार्यक्रम दोबारा लागू करने के निर्देश दिए हैं।
पेट्रोल और डीजल को खुदरा बिक्री स्थलों (पेट्रोल पम्पों) तक लाने-ले जाने के लिए तेल विपणन कम्पनियों ने जीपीएस प्रणाली पर आधारित ट्रैकिंग सिस्टम को सफलता से लागू किया है। ये प्रणाली वाहन की गतिविधि की निगरानी रखती है और जहां कहीं भी मार्ग परिवर्तन या लम्बे ठहराव आते हैं, वहां चेतावनी दर्शाती है। निगरानी रहित स्थिति में ढुलाई के दौरान चोरी और मिलावट की घटनाओं को रोकने में ये मददगार है। इसी तरह की प्रणाली तेल विपणन कम्पनियों के डिपो से लेकर वितरण स्थल तक पीडीएस केरोसिन की ढुलाई के लिए भी अपनाई जा सकती है। डिपो से गन्तव्य तक मिट्टी के तेल की ढुलाई का कार्य राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेशों के क्षेत्राधिकार में है। तेल विपणन कम्पनियां इसके लिए तकनीकी और संस्थागत सहयोग प्रदान करेगी। इस तकनीकी को लागू करने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों से बात करेंगे।
तेल विपणन कम्पनियां एक ऐसी प्रणाली विकसित करने की प्रक्रिया में हैं जिससे प्रत्येक डिपो से पीडीएस एसकेओ के प्रेषण और उनके लाने-ले जाने वाले टैंक ट्रक तथा गंतव्य, जहां प्रेषित किया जा रहा है, उसके बारे में जनता के लिए दैनिक जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर सकें।