स्वतंत्र आवाज़
word map

जजों और सदस्यों के भत्ते बढ़ाए गए

उपभोक्ता संरक्षण नियमावली 1987 संशोधित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

लखनऊ। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 (अधिनियम संख्या-68 सन् 1986) की धारा 30 की उपधारा (2) के अधीन उत्तर प्रदेश सरकार की उपभोक्ता संरक्षण नियमावली-1987 में संशोधन किया गया है जिसमें न्यायाधीशों और सदस्यों के भत्ते बढ़ाए गए हैं। राज्य आयोग के सदस्य भी किराया मुक्त आवास के हकदार होंगे, यदि ऐसा कोई आवास राज्य आयोग के सदस्य को उपलब्ध नहीं होता है तो 3000 रूपये प्रतिमाह मकान किराया भत्ता अनुमन्य होगा, जबकि पूर्व में सरकारी आवास उपलब्ध न होने पर 1500 रूपये प्रतिमाह मकान किराया भत्ता अनुमन्य था। यह नियमावली अब उपभोक्ता संरक्षण (ग्यारहवां संशोधन) नियमावली 2011 कही जाएगी।

उत्तर प्रदेश शासन की अधिसूचना के अनुसार जिला फोरम का अध्यक्ष यदि पूर्ण कालिक आधार पर नियुक्त किया जाता है तो जिला न्यायालय के न्यायाधीश का वेतन और यदि अंशकालिक आधार पर नियुक्त किया जाता है तो 400 रूपये प्रतिदिन का मानदेय अनुमन्य होगा। इसी प्रकार अन्य सदस्य यदि वे पूर्ण कालिक आधार पर आसीन हैं तो प्रतिमास 10176 रूपये का समेकित मानदेय प्राप्त करेंगे और यदि अंशकालिक आधार पर आसीन हैं तो उन्हें बैठक के लिए 300 रूपये प्रतिदिन का समेकित मानदेय प्राप्त होगा। पूर्व में पूर्णकालिक आधार पर नियुक्त जिला न्यायालय के न्यायाधीश का वेतन अंशकालिक आधार पर 200 रूपये प्रतिदिन मानदेय अनुमन्य था। इसी प्रकार अन्य सदस्य यदि वे पूर्ण कालिक आधार पर आसीन होते तो उन्हें 5560 रूपये प्रतिमाह समेकित मानदेय अनुमन्य था और यदि वे अंशकालिक आधार पर आसीन होते थे तो बैठक के लिए प्रतिदिन 150 रूपये समेकित मानदेय अनुमन्य था।

संशोधन के अनुसार जिला फोरम का अध्यक्ष यदि पूर्ण कालिक आधार पर नियुक्त किया जाता है और उसे सरकारी आवास नहीं दिया गया है तो 2400 रूपये प्रतिमाह मकान किराया भत्ता प्राप्त होगा, जबकि पूर्व में सरकारी आवास दिये जाने पर 800 रूपये प्रतिमाह मकान किराया भत्ता अनुमन्य था। इसी प्रकार जिला फोरम का सदस्य, यदि पूर्ण कालिक आधार पर नियुक्त किया जाता है और उसे सरकारी आवास नहीं दिया गया है तो 1800 रूपये मकान किराया भत्ता प्राप्त होगा, जबकि पूर्व में जिला फोरम के सदस्य को सरकारी आवास न उपलब्ध होने पर 600 रूपये प्रतिमाह मकान किराया भत्ता अनुमन्य था।

इसी प्रकार राज्य आयोग का अध्यक्ष यदि पूर्ण कालिक आधार पर नियुक्त होता है तो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का वेतन, यदि अंशकालिक आधार पर नियुक्त किया जाता है तो प्रतिमास 15262 रूपये समेकित मानदेय और यदि अंशकालिक आधार पर आसीन है तो बैठक के लिये प्रतिदिन 500 रूपये का समेकित मानदेय प्राप्त होगा। अन्य सदस्य यदि वे पूर्ण कालिक आधार पर आसीन हैं तो बैठक के लिए प्रतिदिन 400 रूपये का समेकित मानदेय प्राप्त करेंगे, जबकि पूर्व में पूर्णकालिक आधार पर नियुक्ति पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का वेतन, अंशकालिक आधार नियुक्त होने पर 250 रूपये प्रति बैठक का समेकित मानदेय अनुमन्य था। इसी प्रकार अन्य सदस्य यदि वे पूर्णकालिक आधार पर आसीन होते हैं तो उन्हें 8340 रूपये प्रतिमाह और अंशकालिक आधार पर आसीन होने पर 200 रूपये प्रति बैठक समेकित मानदेय अनुमन्य था।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]