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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को राजधानी में राष्ट्रीय कैडेट कोर के युवा और उत्साही कैडेटों के बीच आकर अपनी खुशी का इजहार किया। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के युवा लड़के और लड़कियों के व्यक्तित्व विकास में सराहनीय योगदान के लिए मैं एनसीसी की प्रशंसा करता हूं, एनसीसी राष्ट्रीय एकता और अनुशासन, देशभक्ति और सामूहिकता का गौरवपूर्ण प्रतीक है। इस मौके पर उन्होंने कैडेट कोर को यह समाचार भी दिया कि सरकार ने एनसीसी के बेहतर कामों का सम्मान करते हुए इसके कैडेटों की स्वीकृत क्षमता 13 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दी है।
प्रधानमंत्री ने कैडेट कोर से कहा कि एनसीसी के सभी युवा कैडेट देश के सभी हिस्सों और समुदाय से आते हैं, आप विभिन्न भाषाएं बोलते हैं और विभिन्न धर्मों में आस्था रखते हैं, एनसीसी के कार्य साबित करते हैं कि हमारे समाज की विभिन्नता, मतभेदों को उत्पन्न नहीं करती बल्कि यह मजबूती और ताकत का स्रोत है। प्रधानमंत्री ने गर्व से कहा कि एनसीसी में प्रतिभा, अनुभव और विद्वता की प्रचुरता हमारे देश के बहुत बड़े संसाधन हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस 12 जनवरी हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार ने इस साल इनके जन्म की 150वीं वर्षगांठ (2013) के अवसर पर चार सालाना उत्सव की शुरुआत की है। स्वामी विवेकानंद महान वक्ता और हमारी युवाशक्ति के जबरदस्त समर्थक थे, उनका विश्वास था कि देश में बदलाव के लिए युवाशक्ति सबसे महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहीं लिखा था, ‘क्या तुममें घोर बाधाओं से निपटने का साहस है? क्या तब भी तुममें अपना लक्ष्य पाने का निश्चय है, जब तुम्हारे करीबी और प्रिय ही तुम्हारा विरोध करें? तुम स्वतंत्र पुरुष तभी बन सकते हो, जब तुम्हारा स्वयं में विश्वास हो, तुम्हें अपना शरीर मजबूत बनाना चाहिए, तुम्हें अध्ययन और ध्यान से अपने मस्तिष्क का विकास करना चाहिए, तभी तुम्हारी जीत होगी।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी प्रिय कैडेटों से आग्रह करता हूं कि ज्ञान के इन प्रेरणादायी शब्दों को आत्मसात करें और जीवन में जो भी कुछ करने का निश्चय किया है, उसमें उत्कृष्ट बनने का प्रयास करें। इस समय आपको अपनी शारीरिक क्षमता बढ़ानी चाहिए और अपनी सोच का विस्तार करना चाहिए। मैं बहुत खुश हूं कि एनसीसी कैडेटों ने पर्वतारोहण, ट्रैकिंग (लंबी पैदल यात्रा) और नौकायन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, कैडेटों ने निशानेबाजी की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्द्धाओं में भी काफी ख्याति बटोरी है।
उन्होंने कहा कि मैंने कई देशों की यात्रा की है, पर शायद ही कहीं मैंने भारत से ज्यादा योग्य, शिक्षित, आशान्वित, जुनूनी और संस्कारी युवा देखे हैं। व्यक्तिगत उत्कृष्टता बड़े गौरव की बात होती है और इसे पहचान और सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन कोई भी समाज या संगठन सिर्फ व्यक्तिगत प्रयासों से फल-फूल नहीं सकता। समूह के सभी सदस्यों को अपना दायित्व अवश्य निभाना चाहिए और इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। हमारी और हमारे नेतृत्व की सबसे बड़ी चुनौती केवल उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को ही प्रेरित करना नहीं बल्कि उन्हें भी प्रेरित करना है, जो समूह में सबसे छोटे या सबसे कमजोर हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अपने बच्चों में सामूहिकता और अपने समाज की सेवा से संबंधित संस्कारों का विकास करना चाहिए और मेरा विश्वास है कि संस्कारों की शिक्षा हमारी परवरिश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और एनसीसी जैसी संस्थाओं को इसके लिए पथ प्रदर्शन करना चाहिए। एनसीसी को स्थानीय समुदायों के साथ काम करके उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। मित्र राष्ट्रों से युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत उन्होंने गणतंत्र दिवस शिविर में भाग लेने आए सभी युवा कैडेटों को अपनी शुभकामनाएं दीं और उम्मीद की कि इनका भारत प्रवास सुखद रहा होगा और जब ये अपने देश जाएंगे तो भारत से कुछ लेकर जाएंगे।