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देहरादून। निर्वासित तिब्बती सांसद गैरी डोलमा के नेतृत्व में निर्वासित सांसद सेरिंग पो, सोनम डंडोल के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान डोलमा को अपनी स्वरचित कृतियों का संकलन भेंट किया। डोलमा ने निशंक की सन् 1984 में लिखी पुस्तक 'देश हम जलने न देंगे' की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने निशंक की रचना धर्मिता की प्रशंसा करते हुए बताया कि उन्होंने इस पुस्तक का पूर्व में अध्ययन किया था। डोलमा ने उनकी कविता की कुछ लाइनें भी सुनाई।
गैरी डोलमा ने निशंक के गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की सफाई के लिए संचालित स्पर्श गंगा अभियान की प्रशंसा करते हुए इसे एक ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक कदम बताया। उन्होंने बताया कि टीवी समाचारों के माध्यम से कुंभ मेले पर्व को भी देखा और कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए नोबेल पुरस्कार दिये जाने की भी अनुशंसा की। निशंक ने तिब्बती सांसद को बताया कि स्पर्श गंगा अभियान स्वयंसेवी संस्थाओं, एनएसएस कैडेट्स, छात्र-छात्राओं आदि के सहयोग से चलाया जा रहा है। विभिन्न धर्मगुरूओं एवं देशों के लोगों ने इसमें सहभागिता निभाने की स्वेच्छा प्रकट की है। उनका विचार है कि अपनी संस्कृति को अपनाते हुए और वर्तमान सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए जनता को आधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने भी इस अभियान की शुरूआत में भागीदारी कर अभियान को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है।