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नई दिल्ली। असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश में विविध स्वदेशी संस्कृति के उत्थान और संरक्षण के लिए चलाई जा रहीं संस्कृति मंत्रालय की प्रमुख योजनाएं में पूर्वोत्तर राज्यों सहित संपूर्ण भारत में योग्य लोगों और संस्थाओं को विशिष्ट योजना के आधार पर राज्य के दृष्टिकोण से परीक्षण किए बगैर सहयोग दिया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय के अनुसार पेशेवर समूह और व्यक्तियों के लिए निर्दिष्ट कला प्रदर्शन की योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता की योजना है।
इस योजना के दो भाग हैं। स्वीकृत परियोजनाओं और कार्यक्रमों को उत्पादन अनुदान दिया जाएगा और दूसरे अपने क्षेत्र में स्थापित होने के लिए कला समूहों को वेतन अनुदान सहायता मिलेगी। गैर सरकारी संगठनों के सांस्कृतिक विषय पर आधारित सेमिनार, त्योहारों और प्रदर्शनियों के लिए वित्तीय सहायता की योजना, (सांस्कृतिक कार्य अनुदान योजना), सांस्कृतिक संगठनों के लिए अनुदान स्वीकृत करने की योजना, हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और विकास के लिए वित्तीय सहायता, क्षेत्रीय और स्थानीय संग्रहालयों के प्रचार और मजबूती के लिए वित्तीय सहायता, बौद्ध/ तिब्बती कला और संस्कृति के विकास के लिए वित्तीय सहायता, राष्ट्रीय स्मारकों के विकास और रखरखाव के लिए स्वयंसेवी संगठनों/ संस्थाओं के लिए सहायता राशि, महत्वूपर्ण व्यक्तियों के शताब्दी महोत्सव और जन्म दिवसों को मनाने के लिए वित्तीय सहायता, विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों के लिए फैलोशिप योजना।