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भेषज और औषध निर्यात की निगरानी

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नई दिल्ली। भारत से भेषज और औषध का निर्यात ट्रेस एंड ट्रैक निगरानी प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। वाणिज्‍य विभाग में कार्यरत विदेश व्‍यापार महानिदेशक ने एक सार्वजनिक नोटिस संख्‍या जारी किया है, जिसके अनुसार भारत से भेषज और औषधियों का सभी निर्यात ट्रेस एंड ट्रैक निगरानी प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। यह प्रणाली पहली जुलाई 2011 से लागू होगी।

उल्‍लेखनीय है कि पिछले वर्ष चीन से अफ्रीका को भेषज और औषधियों के निर्यात के डिब्‍बे अफ्रीकी नियामक प्राधिकरण ने औषधियों के घटिया होने के आधार पर कब्‍जा लिए थे। ये डिब्‍बे हालांकि चीन से भेजे गए थे, लेकिन उन पर जो लेबल लगाए गए थे, वे भारत निर्मित के लेबल थे। इससे भारतीय औषधियों के लिए विपरीत प्रचार पैदा किया था और भारत को विशेष रूप से अफ्रीकी औषधि नियामक प्राधिकरणों और चीन की सरकार के साथ यह मामला उठाना पड़ा था। चीनी सरकार ने भारत सरकार को सूचित किया था कि यह माल वास्‍तव में चीन से ही भेजा गया था और सम्‍बद्ध निर्यातकों पर आपराधिक मुकदमे चलाए गए हैं और उनके विरुद्ध मामले अदालतों में लंबित हैं।

विदेश व्‍यापार महानिदेशक की इस कार्रवाई का उद्देश्य भारत की औषध निर्माता के रूप में साख को बहाल करने के साथ-साथ देश में निर्यातकों पर अनुशासन लागू करना है। भारत हर वर्ष नौ अरब अमरीकी डॉलर से अधिक मूल्‍य की औषधियों का निर्यात करता है। इन औषधियों का एक बड़ा भाग अमरीका, यूरोपीय संघ और अफ्रीका को निर्यात किया जाता है। ट्रैस एंड ट्रैक प्रणाली के लागू होने से औषधियों के मूल निर्माताओं तक पहुंचने में आसानी हो जाएगी। इस प्रकार अन्‍य देशों के निर्यातकों की किसी संभावित शरारत को रोकने के साथ-साथ देश के अनैतिक निर्यातकों पर लगाम लगाई जा सकेगी।

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