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किलों का संरक्षण और रखरखाव

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नई दिल्ली। पश्चिमी बंगाल और ओडिशा में राष्‍ट्रीय महत्‍व के रूप में घोषित किलों के संरक्षण और रख-रखाव पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए भारी धनराशि भी खर्च की गई है। ज्ञातव्य है कि जरूरत और संसाधनों के मुताबिक पेयजल, शौचालय खंडों, रास्‍तों दिशा निर्देशों आदि की सुविधाओं को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के अलावा भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण नियमित आधार पर इन किलों के संरक्षण और देखभाल की जिम्‍मेदारी भी निभाता है।

भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के अधिकार क्षेत्र में पश्चिमी बंगाल और ओडिशा में केंद्र संरक्षित किलों में बंगाल के गगनेश्‍वर, पश्चिमी मेदिनीपुर में केरमबरा किला, उत्‍तरी 24 परगना में चंद्रकेतु का किला, दक्षिण दिनाजपुर में बनगढ़, ओडिशा राज्य के भुवनेश्‍वर में शिशुपालगढ़, ओडिशा पश्चिम के दाधापटना, कटक और खुर्दा में चौरनगढ़ किला, बंडल्‍स छतीसा में चौधवार गोविंदेव पटना, कटक में अगारहाट किले के अवशेष, कटक में वारावली किला, कालाहांडी में असुरगढ़ किला और मयूरभंज में हरिपुरगढ़ किला शामिल हैं।

इसी प्रकार केंद्र संरक्षित स्‍मारक, जिनमें बिहार, झारखंड और उत्‍तर प्रदेश सहित भारत के विभिन्‍न राज्‍यों में मंदिर शामिल हैं, में मौजूदा श्रमशक्ति संसाधनों के जरिए सुरक्षा को सुदृढ़ करने का कुछ प्रावधान है। विभागीय बॉय एंड वार्ड स्‍टॉफ, निजी सुरक्षा गार्ड, राज्‍य सशस्‍त्र पुलिस गार्ड और सीआईएसएफ सुरक्षा कर्मियों से इनकी सुरक्षा प्रदान की जाती है। अधिक घूमे जाने वाले स्‍मारकों पर पर्यटकों से संबंधित सुविधाओं पेयजल, शौचालय खंडों, विकलांगों के लिए सुविधाएं, रास्‍ते, सांस्‍कृतिक सूचना पट्ट, मार्गदर्शिकाएं, वाहन पार्किंग और सामान रखने की सुविधाएं प्रदान की गई हैं। जरूरत एवं उपलब्‍ध संसाधनों के आधार पर इनका संरक्षण, रख-रखाव और पर्यावरणीय विकास एक निरंतर गतिशील प्रक्रिया है।

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षित स्‍मारक, ऐतिहासिक इमारतें परीक्षण की अच्‍छी स्थिति में हैं। स्‍मारकों के संरक्षण का कार्य एक सतत प्रक्रिया है। पिछले तीन वर्षों के दौरान 4,745 संरक्षण के कार्य संरक्षित स्‍मारकों में किये गये। चालू वित्‍त वर्ष में 1,595 संरक्षित कार्य भिन्‍न-भिन्‍न स्‍मारकों में किये जाने प्रस्‍तावित हैं। स्‍मारकों में संरक्षण का कार्य साधनों की उपलब्‍धता और अलग-अलग स्‍थानों पर मरम्‍मत की आवश्यकता के अनुसार चिह्नित किया जाता है जोकिक्षेत्रीय सर्वेक्षण/निर्धारण के पश्‍चात एएसआई के मंडल कार्यालयों द्वारा प्रस्‍तावित किया जाता है।

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