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नई दिल्ली। स्पेक्ट्रम के आवंटन और लाइसेंस जारी करने में अपनाई गई प्रक्रिया के औचित्य की 2001 से 2009 के दौरान की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय समिति ने रिपोर्ट सोमवार को संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल को प्रस्तुत कर दी है। यह समिति उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिवराज वी पाटिल की अध्यक्षता में 13 दिसंबर 2010 को गठित की गई थी। समिति को अपनी रिपोर्ट एक महीने में देनी थी लेकिन कार्य के आकार और रिकॉर्डों की विशालता को देखते हुए समिति की अवधि 31 जनवरी 2011 तक बढ़ा दी गई थी। न्यायामूर्ति शिवराज वी पाटिल ने छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पूरी कर पाने पर संतोष व्यक्त किया। संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद उपयुक्त कार्रवाई करेगी।