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लखनऊ। भाजपा के सूचना एवं रोजगार प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक कुँवर सिंह निषाद ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही और संगठन महामंत्री, सह महामंत्री को भाजपा एवं संघ में अपनी सेवाओं का पास देते हुए पत्र लिखकर शिकायत की है कि उत्तर प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष हरीश द्विवेदी उन पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के गंभीर और अनर्गल आरोप लगाकर मथुरा के अखबारों में समाचार प्रकाशित करा रहे हैं जबकि मेरे लिए पार्टी, राष्ट्रवाद और अनुशासन मेरी जान से भी बढ़कर है, इससे दुखी होकर वह अपना पद त्याग कर रहे हैं।
कुँवर सिंह निषाद ने अपने पत्र में कहा है कि विगत कुछ दिन से हरीश द्विवेदी मथुरा के अखबारों में उनके खिलाफ लगातार फैक्स भेजकर समाचार प्रकाशित करा रहे हैं, जिनमें उन पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए गए हैं और साथ ही हवाला दिया गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय एकता यात्रा का विरोध किया। निषाद ने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता उनके लिए जान से भी बढ़कर है और उन्होंने राष्ट्रीय एकता यात्रा के लिए दिन-रात एक करके उसे सफल बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी और तन मन से कार्यक्रम के लिए लगा रहा। निषाद ने लिखा कि आज तक उन पर संगठन विरोधी एक भी आरोप नहीं हैं, वह स्वयं संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष प्रशिक्षित कार्यकर्ता हैं और संघ में देश और विचारधारा के लिए समर्पण और त्याग की शिक्षा ली है, साथ ही अपने समाज के युवा संगठन राष्ट्रीय निषाद संघ का प्रदेश अध्यक्ष भी हूं और अति पिछड़ी जातियों के आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक अधिकारों के लिए पूरे प्रदेश भर में जाकर कार्यक्रम भी करता हूं।
कुँवर सिंह निषाद ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में 2012 का विधानसभा चुनाव नजदीक है, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरीश द्विवेदी को हम कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करना चाहिए ना कि समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित कराना, इस तरह के समाचार पार्टी संगठन के खिलाफ जाते हैं जोकि गुटबाजी को बिना वजह दर्शाने वाले होते हैं और जबाव आम कार्यकर्ता को देना पड़ता है। निषाद ने अपने बारे में लिखा है कि वह स्वयं पार्टी और संघ का एक जिम्मेदार कार्यकर्ता है यदि कोई बात थी भी तो उससे फोन पर भी संपर्क करके पूछी जा सकती थी, पूरी दुनिया के सामने और पार्टी और मुझे बदनाम करने की क्या आवश्यकता थी? निषाद ने हरीश द्विवेदी पर कुछ आरोपों की भी बात कही है जिनका पत्र में उल्लेख नहीं किया है। निषाद ने न्याय की अपेक्षा करते हुए और अपने पर उठ रहे सवालों से दुखी होकर अपने पद से त्याग पत्र उनके पास भेजा है और कहा है कि इन्हें पद से नहीं बल्कि पार्टी से प्रेम है। निषाद ने पूर्व की भांति पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पित भावना से भाजपा में काम करते रहने का संकल्प व्यक्त किया है।